बहुजन समाज पार्टी की सरकार में 14 अरब रूपये से अधिक के स्मारक घोटाले में विजिलेंस ने पांच घंटे तक तत्कालीन मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी से पूछताछ की. विजिलेंस ने नोटिस भेजकर नसीमुद्दीन सिद्दीकी को पूछताछ के लिए कार्यालय में बुलाया था. नसीमुद्दीन सिद्दीकी से कई सवाल पूछे गए. अगले माह पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा से भी पूछताछ होगी.
नसीमुद्दीन सिद्दीकी के जवाब के बाद अब सचिवालय कैडर के उनके तत्कालीन सचिव से भी पूछताछ होने की संभावना है. सचिव का उत्तर जानने के बाद एक बार फिर से नसीमुद्दीन सिद्दीकी से पूछताछ की जायेगी. जानकारी के अनुसार विजिलेंस अगले माह स्मारक घोटाले में पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा से भी पूछताछ करेगी. विजिलेंस, बाबू सिंह कुशवाहा को पूछताछ का नोटिस पहले ही भेज चुका है.
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2007 में जब मायावती मुख्यमंत्री बनी थीं तब लखनऊ और नोएडा में अम्बेडकर स्मारक और परिवर्तन स्थल, समेत पत्थरों के कई स्मारक बनवाये गए थे. इन स्मारकों पर सरकारी खजाने से 41 अरब 48 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. तत्कालीन लोकायुक्त एन. के मेहरोत्रा ने वर्ष 2013 में इसे 14 अरब से अधिक का स्मारक घोटाला बताया था. 6 वर्ष बाद विजिलेंस ने 6 लोगों को आरोपी बनाया था और वर्ष 2020 में विजिलेंस ने एमपी एवं एमएलए कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था.
इस घोटाले में विजिलेंस ने भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के तत्कालीन संयुक्त निदेशक सुहैल अहमद फारुखी, यूपी राजकीय निर्माण निगम के तत्कालीन इकाई प्रभारी अजय कुमार, एस.के त्यागी, पन्नालाल यादव, होशियार सिंह एवं अशोक सिंह को आरोपी बनाया था. विजिलेंस ने सरकारी सेवा में रहते हुए विश्वासघात, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण की धाराओं में इन लोगों को आरोपी बनाया.
बसपा सरकार के दौरान स्मारकों के निर्माण में वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत, लोकायुक्त से की गई थी. लोकायुक्त की जांच में अनियमितता पाई गई थी. विजिलेंस ने जनवरी 2014 में लखनऊ के गोमतीनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी.
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