सुनील राय
25 जुलाई से शुरू हो रहे सावन माह में बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है. इस बार सावन में भगवान शंकर को जल चढ़ाने के साथ ही भक्तगण उनके प्रांगण में नवनिर्मित भवनों का भी दर्शन कर सकेंगे. श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का मंदिर परिसर और मंदिर चौक लगभग नया आकार ले चुका है. बाबा के भक्तों को इस बार सावन में जलाभिषेक के लिए सड़क पर लाइन नहीं लगाना पड़ेगा. विश्वनाथ धाम में भक्तों के कतार बद्ध होने की व्यवस्था की गई है.
वाराणसी मंडल के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि इस बार सावन में जब भक्त बाबा के दर्शन करने आएंगे तब उनको बाबा के भव्य दरबार का भी दर्शन होगा. विश्वनाथ मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश नहीं मिलेगा बल्कि भक्तों को बाहर से ही झरोखा दर्शन करके जल चढ़ाना होगा जो शिवलिंग पर सीधे चढ़ जाएगा. मंदिर में आने-जाने का रास्ता अलग-अलग होगा. जब शिव भक़्त मंदिर में दर्शन करने जाएंगे तब उनको 35 हजार स्क्वायर फीट में फैला मंदिर एवं चौक में भव्य भवन देखने को मिलेगा. सावन में मंदिर चौक के क़रीब आधे क्षेत्र में 3 हजार लोगों के लिए कतारबद्ध होने का प्रबंध किया जा रहा है. इतना खुला स्थान मिल जाने से सड़कों पर लगने वाली लम्बी कतारें नहीं लगेंगी. मंदिर चौक, मंदिर परिसर व बाबा के गलियारा की झलक भक्त देख सकेंगे.
इस बार सावन की महत्वपूर्ण बात यह भी होगी कि मंदिर परिसर में लगे चुनार के पत्थरों की नक्काशी भी देखने लायक होगी. इन पत्थरों को अहमदाबाद से तराश कर मंदिर में लगवाया गया है. यह सुन्दर और भव्य गलियारे के रूप में दिख रहा है. मंदिर चौक स्थित तीन मंजिल इमारत में वियूइंग पॉइंट होगा जहां से माँ गंगा के दर्शन और बाबा के स्वर्ण जड़ित शिख़र के दर्शन भी हो सकेंगे. इसी तीन मंजिला इमारत में एम्पोरियम, मंदिर ट्रस्ट का कार्यालय और पब्लिक यूटिलिटी की सुविधा होगी.
टिप्पणियाँ