राजस्थान के दो मंत्री (बाएं से) गोविंद सिंह डोटासरा और सुखराम विश्नोई
राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के तीन रिश्तेदारों को साक्षात्कार में मिला समान अंक और मिल गई नौकरी, जबकि वन मंत्री सुखराम विश्नोई के बेटे पर एक कारोबारी के अपहरण का आरोप लगा।
इन दिनों राजस्थान में कांग्रेसियों का भ्रष्टाचार और अपराध चरम पर है। राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष और राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा और वन मंत्री सुखराम विश्नोई से जुड़े मामलों की चर्चा जोरों पर है। डोटासरा पर आरोप है कि उन्होंने राजस्थान प्रशाससनिक सेवा (आएएस) की परीक्षा के बाद साक्षात्कार में अपनी बहू प्रतिभा पूनिया, उनकी बहन प्रभा और और भाई गौरव को समान अंक दिलाने में भूमिका निभाई है।
उल्लेखनीय है कि इन लोगों ने लिखित परीक्षा भसजपा सरकार के समय में दी थी। साक्षात्कार कुछ दिन पहले ही हुआ है। इसमें इन तीनों को एक समान 80 प्रतिशत अंक मिले हैं, जबकि लिखित में 50 प्रतिशत अंक मिले थे। वरिष्ठ भाजपा नेता गुलाब चंद कटारिया कहते हैं कि साक्षात्कार में तीनों को एक समान अंक मिलना तो किसी चमत्कार से कम नहीं है। इसका मतलब है कि साक्षात्कार में गड़बड़ी की गई है।
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वहीं, वन मंत्री सुखराम विश्नाई के बेटे भूपेन्द्र विश्नोई पर आरोप है कि उसने मार्बल व्यवसायी प्रकाश विश्नोई का अपहरण करवाया था। प्रकाश विश्नोई ने खुद ही पुलिस को बताया है कि तीन दिन पहले उसका जालौर से अपहरण किया गया था।
अपहरणकर्ता दो दिन तक हरियाणा के विभिन्न क्षेत्रों में घुमाते रहे। प्रकाश ने बताया है कि जालौर से ले जाते समय अपहरणकर्ताओं से उसकी बात भूपेन्द्र विश्नोई से करवाई थी। उसने कहा था कि तुम 50,00,000 रु देकर छूट जाओ। हालांकि वन मंत्री ने कहा है कि उनके बेटे पर यह आरोप राजनीतिक कारणों से लगाया जा रहा है।
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