सुनील राय
151 पूर्व आईएएस अफसरों और जजों ने पत्र लिख कर कोरोना काल में सरकार द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की है. बुद्धिजीवियों के फोरम ने यूपी में अपराधियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई का समर्थन करते हुए कानून एवं व्यवस्था को सराहा है.
बुद्धिजीवियों के फोरम ने पत्र लिख कर कहा है कि किसी को यह नहीं भूलना चाहिए कि “किस तरह कोविड के दौरान राज्य सरकार ने 40 लाख प्रवासियों के भरण-पोषण की व्यवस्था की. उनके इलाज के साथ ही घर पहुंचाने की भी व्यवस्था की गई.
यूपी के पूर्व मुख्य सचिव योगेंद्र नारायण, भूतपूर्व मुख्य सचिव राज भार्गव, "रा" के भूतपूर्व प्रमुख संजीव त्रिपाठी, गुजरात के लोकायुक्त रहे एस एम सोनी, इलाहाबाद हाईकोर्ट के अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति एस. वी. एस. राठौर, केरल के भूतपूर्व मुख्य सचिव आनंद बोस, भूतपूर्व राजनयिक लक्ष्मी पूरी, विद्या सागर, अशोक कुमार, वीरेंद्र गुप्ता, पंजाब के भूतपूर्व डीजीपी ए.पी. पांडे और पी. सी. डोगरा सहित अनेक बुद्धिजीवियों ने अपने पत्र में कहा है कि योगी सरकार ने जिस तरह से यूपी में कोविड की दूसरी लहर को नियंत्रित किया. वह पूरी दुनिया के लिए एक नजीर है.”
'फोरम ऑफ कंसर्न सिटीजन' ने खुले पत्र में कहा है कि "कुछ पूर्व नौकरशाह, राजनीतिक कारणों से झूठे एवं मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं." राज्यसभा के पूर्व महासचिव योगेंद्र नारायण के नेतृत्व में फोरम आफ कंसर्न सिटीजन की तरफ से जारी बयान में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के आरोप को निराधार बताया है. फोरम ने पत्र में आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया है कि उत्तर प्रदेश में 20 मार्च 2017 से 11 जुलाई 2021 के बीच कुल 8,367 मुठभेड़ हुई हैं. इनमें 18,025 अपराधी घायल हुए. इनमें से 3,246 को गिरफ्तार किया गया और 140 मारे गए हैं. मारे गए अपराधियों में से 115 इनामी थे.
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