मई 2021 में अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर की अमेरिका के विदेश मंत्री ब्लिंकन से भेंट हुई थी
रक्षा मंत्री ऑस्टिन के बाद अब अमेरिका के विदेश मंत्री आ रहे हैं भारत, द्विपक्षीय संबंधों को मिलेंगे नए आयाम
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिकंन की अगले हफ्ते की प्रस्तावित भारत यात्रा कई मायनों में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। पहली बार भारत के दौरे पर आ रहे अमेरिका के विदेश मंत्री की भारतीय पक्ष से अनेक अहम मुद्दों पर वार्ता होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, अभी एजेंडे को अंतिम रूप दिया जा रहा है, लेकिन बहुत संभावना है कि वार्ता क्वाड समूह को और मजबूत बनाने के साथ ही द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को नया आयाम देगी।
उल्लेखनीय है कि जनवरी 2021 में अमेरिका में जो बाइडन की सरकार बनने के बाद से विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भारत आने वाले बाइडन सरकार के दूसरे बड़े मंत्री होंगे। उनसे पहले मार्च में अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जे. ऑस्टिन ने द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा संबंधों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत का तीन दिन का दौरा किया था।
जनवरी 2021 में अमेरिका में जो बाइडन की सरकार बनने के बाद से विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भारत आने वाले बाइडन सरकार के दूसरे बड़े मंत्री होंगे। उनसे पहले मार्च में अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जे. ऑस्टिन ने द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा संबंधों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत का तीन दिन का दौरा किया था।
अगले सप्ताह प्रस्तावित इस दौरे मेें दोनों पक्ष विश्व की वर्तमान परिस्थितियों पर भी चर्चा कर सकते हैं। इसमें अफगानिस्तान में तालिबान की जिहादी दस्तक, आतंकवाद, चीन सहित कई अन्य महत्वपूर्ण विषय हो सकते हैं। हालांकि भारत के विदेश मामलों के विशेषज्ञ अभी कुछ भी तय बताने की स्थिति में नहीं हैं, लेकिन वे मानते हैं कि उपरोक्त विषयों पर एंटनी ब्लिंकन की भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से गंभीर चर्चा हो सकती है।
तमाम कयासों और अटकलों से इतर इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य 2021 के अंत में वाशिंगटन में क्वाड समूह के नेताओं की उपस्थिति में एक शीर्ष सम्मेलन की आधारभूमि तैयार करना है। क्वाड समूह में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका बार—बार रेखांकित हुई है। भारत के अतिरिक्त इस समूह में जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका भी शामिल हैं।
मार्च में अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जे. ऑस्टिन की भारत यात्रा ऐसे मौके पर हुई थी जब राष्ट्रपति बाइडन ने एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन में भारत-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग का विस्तार करने की प्रतिबद्धता जताई थी और भारत की अहम भूमिका स्वीकारी थी।
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