गलवान संघर्ष (फाइल चित्र)
ड्रेगन को आखिर यह मानना पड़ा कि पिछले साल जून में गलवान में उसके सैनिक भारतीय सैनिकों से घिर गए थे
चीन के सरकारी प्रभाव वाले मीडिया समूह शिन्हुआ ने आखिरकार गलवान का एक और सच सामने रखा है। उसने हाल में बताया है कि गलवान घाटी के संघर्ष में भारत के सैनिकों से चीन के कई जवान घिर गए थे, उनमें रेजीमेंट कमांडर की फाबाओ भी था।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल जून में लद्दाख सीमा पर गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा का उल्लंघन करके भारतीय सैनिकों पर हमला बोला था। उस झड़प में भारत के 20 सैनिकों ने बलिदान दिया था लेकिन चीन के सैनिक कहीं ज्यादा तादाद में मारे गए थे। लेकिन अब शिन्हुआ में चीन के सैनिकों घिरने की बात सामने आने का अर्थ है कि कम्युनिस्ट सत्ता ने यह स्वीकार किया है कि उसकी आतताई टुकड़ी को भारत के जांबाज जवानों ने बुरी तरह से घेर लिया था और उनमें ड्रेगन की सेना का कमांडर भी था।
ग्लोबल टाइम्स ने भी शिन्हुआ की रिपोर्ट के आधार पर छापा कि चेन होंगजुन तथा दूसरे चीनी अफसरों और सैनिकों ने गलवान झड़प में अपनी जान गंवाई थी। रिपोर्ट की मानें तो 33 साल का बटालियन कमांडर चेन होंगजुन भी उस झड़प में अपने चार फौजियों के साथ हलाक हुआ था। ये जवान पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की सिंक्यांग सैन्य कमांड के तहत तैनात थे।
इधर चीन के ही सरकारी अखबार माने जाने वाले ग्लोबल टाइम्स ने भी शिन्हुआ की रिपोर्ट के आधार पर छापा कि चेन होंगजुन तथा दूसरे चीनी अफसरों और सैनिकों ने गलवान झड़प में अपनी जान गंवाई थी। रिपोर्ट की मानें तो 33 साल का बटालियन कमांडर चेन होंगजुन भी उस झड़प में अपने चार फौजियों के साथ हलाक हुआ था। ये जवान पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की सिंक्यांग सैन्य कमांड के तहत तैनात थे।
जैसा पहले बताया, भारतीय रक्षा सूत्रों का कहना है कि चीन की तरफ से मरने वालों की संख्या चीन की बताई संख्या से कहीं ज्यादा है।
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