मुख्यमंत्री पिनरई विजयन (फाइल चित्र)
केरल में 18, 19 और 20 जुलाई को अनेक क्षेत्रों में लॉकडाउन में ढील देने के राज्य सरकार के आदेश को लेकर चिकित्सकों की संस्था आईएमए ने जताया कड़ा एतराज
जैसी कि आशंका जताई जा रही थी, मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति पर चलते हुए केरल सरकार ने बकरीद से पहले कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों को अनदेखा करते हुए ढील देने की घोषणा कर दी। लेकिन इस पर तमाम राजनीतिक दलों सहित आईएमए ने कड़ी टिप्पणी की है। आईएमए ने तो बाकायदा 18 जुलाई को केरल सरकार को एक पत्र लिखकर अपील की है कि कोविड पाबंदियों में ढील देने का आदेश वापस लें।
उल्लेखनीय है कि केरल की पिनरई विजयन के नेतृत्व वाली वाम लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार ने बकरीद के अवसर पर, ए, बी, और सी दर्जे के क्षेत्रों में 'जरूरी सामान' बेचने वाली दुकानों को 18, 19 और 20 जुलाई को सुबह 7 बजे से रात 8 बजे तक खोलने की अनुमति दी है।
केरल सरकार की इस अनुमति को संज्ञान में लेते हुए आईएमए ने उसे फौरन एक पत्र लिखकर कहा है कि कोविड संबंधी पाबंदियों में ढील देने का फैसला वापस लिया जाए। संस्था ने मेडिकल आपातकाल के समय इसे ‘अनावश्यक और अनुचित’ बताया है। चिकित्सकों की इस संस्था ने लिखा है कि अगर केरल सरकार इस फैसले को वापस नहीं लेती तो वह सर्वोच्च न्यायालय में गुहार करेंगे।
अपने पत्र में आईएमए ने यहां तक कहा है कि एक तरफ तो कई उत्तरी राज्यों ने महामारी के इस वातावरण में पारंपरिक व लोकप्रिय तीर्थयात्राओं पर पाबंदी लगा दी है, जबकि दूसरी तरफ केरल ने यह फैसला किया है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे सामूहिक आयोजनों को खुली छूट मिली जाएगी। पत्र में कहा गया है, ‘आईएमए को यह देखकर अफसोस हुआ है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच केरल सरकार बकरीद के मजहबी समारोह की आड़ में राज्य में लॉकडाउन में ढील देने का आदेश जारी किया है। ऐसा करना मेडिकल आपातकाल के आज के समय में अनावश्यक और अनुचित है।'
'एक तरफ तो कई उत्तरी राज्यों ने महामारी के इस वातावरण में पारंपरिक व लोकप्रिय तीर्थयात्राओं पर पाबंदी लगा दी है, दूसरी तरफ केरल ने यह फैसला किया है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे सामूहिक आयोजनों को खुली छूट मिली जाएगी। आईएमए को यह देखकर अफसोस हुआ है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच केरल सरकार ने बकरीद के मजहबी समारोह की आड़ में राज्य में लॉकडाउन में ढील देने का आदेश जारी किया है। —आईएमए
आईएमए का कहना है कि देश के व्यापक हित और मानवता के हित में हम मांग करते हैं कि इस आदेश को वापस लिया जाए। कोविड मानदंडों के उल्लंघन को बिल्कुल भी बर्दाश्त न किया जाए। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने 17 जुलाई को लॉकडाउन की पाबंदियों में कुछ छूट देने की घोषणा की थी। विजयन ने प्रेस वार्ता में इस छूट की घोषणा करते हुए कहा था कि ए, बी, और सी श्रेणी के क्षेत्रों में बकरीद को देखते हुए कपड़े, जूते-चप्पल, आभूषण की दुकानों सहित, फैंसी स्टोर, घरेलू उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक दुकानों, मरम्मत की दुकानों तथा जरूरी सामान बेचने वाली दुकानों को 18, 19 और 20 जुलाई को सुबह 7 बजे से रात 8 बजे तक खोलने की इजाजत दी गई है।
साथ ही पिनरई के आदेश में है कि डी श्रेणी के इलाकों में इन दुकानों को केवल 19 जुलाई को ही खोलने की इजाजत है। केरल में 5 प्रतिशत से कम संक्रमण के इलाकों को ए श्रेणी में, 5 से 10 प्रतिशत वाले क्षेत्रों को बी श्रेणी में, 10 से 15 प्रतिशत वालों को सी श्रेणी में और 15 प्रतिशत से ज्यादा संक्रमण वाले क्षेत्रों को डी श्रेणी में रखा गया है।
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