मानसून ने देश के अलग-अलग हिस्सों में दस्तक दे दी है। नए पौधे लगाने के लिए यह सबसे बेहतरीन समय होता है। इसी क्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में पर्यावरण संरक्षण गतिविधि से जुड़े कार्यकर्ता पर्यावरण को बचाने के लिए कई अभिनव प्रयास कर रहे हैं। इसमें सबसे खास है ‘मेरी गुठली, मेरा चैलेंज।’ पिछले जून माह में शुरू हुए इस कार्यक्रम के प्रति लोगों में खास उत्साह है। विशेष रूप से बच्चों को यह खूब पसंद आ रहा है।
पर्यावरण संरक्षण गतिविधि की टोली के सदस्य लोगों से आग्रह करते हैं कि घर में खाए गए फलों के बीज, दूध के पैकेट, उपयोग में लाए डिब्बे आदि को खाली गमलों में सुरक्षित रखें। कुछ समय बाद इन गुठलियों का उपयोग पौधे उगाने और पौधारोपण के लिए किया जाता है। पर्यावरण संरक्षण गतिविधि से जुड़े राजीव बंसल के अनुसार ‘मेरी गुठली, मेरा चैलेंज’ कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को पर्यावरण संरक्षण की बारीकियों से अवगत कराना है।
हम लोगों को बताते हैं कि एक बीज से कई पेड़ बना सकते हैं। इसके साथ ही लोगों को इस बात के लिए प्रेरित करना कि फल खाने के बाद गुठलियों को फेंकने के बजाय एकत्रित करें। पर्यावरण संरक्षण गतिविधि द्वारा यह कार्यक्रम पूरे देश भर के 45 प्रांतों में आयोजित किया गया। इस अभियान की खास बात यह है कि इसमें फलदार और छायादार पौधे जैसे आम, जामुन, पीपल, नीम आदि लगाए जाने को लेकर संदेश दिया जाता है।
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