पाकिस्तान में श्री परमहंस जी महाराज की समाधि और मंदिर को आग के हवाले करते जिहादी (फाइल चित्र)
गत वर्ष पाकिस्तान के टेरी कारक जिले में स्थित श्री परमहंस जी महाराज की समाधि और मंदिर पर आग लगाने वालों को सरकार ने छोड़ने का निर्णय लिया है। इससे वहां के हिंदू समाज में नाराजगी है।
पाकिस्तान में मुसलमानों के अलावा और किसी के पास न्याय पाने का अधिकार नहीं रह गया है। कोई गलत काम न करने के बावजूद हिंदू और ईसाइयों पर फर्जी मुकदमे कर उन्हें जेल में डाल दिया जाता है, वहीं दूसरी ओर किसी मामले में पकड़े गए मुसलमानों को छुड़वाने के लिए वहां की सरकार ही छल करती है। कुछ ऐसा ही किया गया है श्री परमहंस जी महाराज की समाधि और मंदिर पर आग लगाने वालों के साथ। इस मामले में जितने भी लोग पकड़े गए हैं, उन्हें बचाने के लिए गत दिनों सरकार ने अदालत को बताया कि हिंदू समाज ने सभी आरोपियों को माफ कर दिया है, इसलिए इन्हें छोड़ दिया जाए।
बता दें कि 2020 में श्री परमहंस जी महाराज की समाधि और मंदिर पर जिहादियों की एक भीड़ ने आग लगा दी थी। इस मामले में 350 लोगों को आरोपी बनाया गया था। यही नहीं, मंदिर की सुरक्षा नहीं कर पाने के कारण 92 पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को बर्खास्त भी किया गया था।
इस भयानक घटना पर पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने स्वत: ही संज्ञान लिया था और खैबर पख्तूनख्वा की प्रांतीय सरकार को आरोपियों को सजा देने तथा समाधि और मंदिर को फिर से बनाने का कहा था। इसके बावजूद अभी तक न तो मंदिर बना और न ही समाधि को ठीक कराया गया है। उल्टे इसके आरोपियों को बचाने के लिए हिंदू समाज पर माफी देने के लिए दबाव डाला गया। यही कारण है कि पाकिस्तान में जिहादियों का दुस्साहस हमेशा बढ़ा रहता है और वे बारी—बारी से हिंदुओं को निशाने पर लेते हैं।
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