पांच साल पहले फिलिपींस के पक्ष में आए एक अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के फैसले की वर्षगांठ से ठीक पहले आया अमेरिका का कड़ा बयान
दक्षिण चीन सागर। (प्रकोष्ठ में) राष्ट्रपति जो बाइडेन और राष्ट्रपति शी जिनपिन (फाइल चित्र)
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने संभवत: दक्षिण चीन सागर में वर्षों से चली रही चीन की मनमानी अब और बर्दाश्त न करने का मन बना लिया है। वाशिंगटन ने वहां चीन के दावे को सिरे से नकारते हुए कड़े शब्दों में चेतावनी दी है। बाइडेन प्रशासन ने पूर्ववर्ती ट्रम्प सरकार की सख्त नीतियों को आगे बढ़ाते हुए बीजिंग से दो टूक शब्दों में कहा है कि वह दक्षिण चीन सागर पर कोई दावा न करे। साथ ही, अगर बीजिंग ने फिलिपींस पर हमला करने की हिमाकत की तो उचित जवाब दिया जाएगा।
दक्षिण चीन सागर को लेकर चीन की हेकड़ी अनेक मौकों पर देखने में आई है। वह दक्षिण चीन सागर पर अपनी दावेदारी ठोकता आ रहा है। लकिन अब राष्ट्रपति बाइडेन के सख्त रुख का जल्दी ही असर देखने में आ सकता है। अमेरिका और चीन के बीच आर्थिक प्रतिबंधों के बाद से संबंधों और कूटनीतिक व्यवहार में कुछ खटास देखने में आई है। अमेरिकी प्रशासन ने अब चीन को चेतावनी दे दी है कि अगर बीजिंग ने ‘विवादित इलाके’ में फिलिपींस पर हमला बोलने की कोशिश की तो पारस्परिक रक्षा करार के अंतर्गत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने हाल ही में यह सख्त संदेश दिया है पांच साल पहले फिलिपींस के पक्ष में आए एक अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के फैसले की वर्षगांठ से ठीक पहले। उस फैसले में स्प्रैटली द्वीप समूह और पड़ोसी चट्टानों के आस—पास बीजिंग के समुद्री दावों का खंडन किया गया था। जैसी आशंका थी, चीन ने इस फैसले को खारिज कर दिया था। पिछले साल भी उस फैसले की चौथी वर्षगांठ से पहले तत्कालीन ट्रंप प्रशासन ने भी उस फैसले का समर्थन दिया था। ट्रंप सरकार ने तब कहा था कि फैसला चीन के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त जल के बाहर दक्षिण चीन सागर में चीन के तकरीबन सभी समुद्री दावों को अवैध मानता है।
विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने चीन पर दक्षिणपूर्व एशिया के तटवर्ती देशों पर दबाव डालने और उन्हें डराने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस महत्वपूर्ण वैश्विक रास्ते में नेविगेशन की आजादी को बाधित करने की कोशिश करना ठीक नहीं है। ब्लिंकन ने स्पष्ट कहा कि इस संबंध में अमेरिका 13 जुलाई, 2020 को दक्षिण चीन सागर में समुद्री दावों के संबंध में अपनी नीति को फिर से लागू करता है।
तटवर्ती देशों को धमकी
अमेरिका का 11 जुलाई को आया उक्त बयान पिछले विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के इस संबंध में दिए गए बयान को और मजबूत बनाता है। वर्तमान विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने चीन पर दक्षिणपूर्व एशिया के तटवर्ती देशों पर दबाव डालने और उन्हें डराने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस महत्वपूर्ण वैश्विक रास्ते में नेविगेशन की आजादी को बाधित करने की कोशिश करना ठीक नहीं है। ब्लिंकन ने स्पष्ट कहा कि इस संबंध में अमेरिका 13 जुलाई, 2020 को दक्षिण चीन सागर में समुद्री दावों के संबंध में अपनी नीति को फिर से लागू करता है।
5 ट्रिलियन डॉलर माल की आवाजाही
अमेरिका का उक्त बयान ऐसे मौके पर आया है, जब वाशिंगटन और बीजिंग के बीच कूटनीतिक रिश्ते अत्यंत खटास भरे दौर से गुजर रहे हैं। दोनों के बीच कई मुद्दों पर खींचतान है। चीन आर्थिक महाशक्ति बनने की महत्वाकांक्षा पाले है। इसके अलावा, कोरोना महामारी, मानवाधिकार से जुड़े विषयों, हांगकांग, तिब्बत, कारोबार आदि को लेकर भी तकरार चरम पर है। ऐसे में चीन का तकरीबन पूरे दक्षिण चीन सागर पर दावा ठोंकना, इस इलाके में अमेरिकी सैन्य कार्रवाइयों का विरोध करना आग में घी का काम कर रहा है।
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