मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पंचायत चुनावों में हुई हिंसा को काफी गंभीरता से लिया है. उन्होंने लखीमपुर मामले में सीओ, एसओ, एक इंस्पेक्टर समेत तीन एसआई को निलंबित करने के आदेश दिए. इसके साथ ही उन्होंने आरोपी के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट और रासुका के अंतर्गत कार्रवाई करने के भी आदेश दिए. अभियुक्त निर्दलीय प्रत्याशी का समर्थक है.
उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि “पंचायत चुनाव में सपा सरकार की गुंडई जगजाहिर है. पिछली सरकार में ऐसा कोई चुनाव नहीं हुआ था, जिसमें लोगों की जानें नहीं गईं. सपा की गुंडई की आदत अभी गई नहीं है और वह पंचायत चुनाव में अराजकता की हदें पार कर रहे हैं. जब उनकी मनमानी नहीं हो पा रही है, तब कानून व्यवस्था संभाल रहे पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों पर गलत आरोप लगा रहे हैं. सपा के ही एक एमएलसी का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह खुद सपा की गुंडई को सर्टिफाइड कर रहे हैं.”
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अपराध को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य कर रही है. प्रदेश में किसी को भी अराजकता फैलाने की छूट नहीं दी गई है, चाहे वह किसी भी पार्टी का हो. पिछले सवा चार साल में प्रदेश में जितने भी चुनाव हुए हैं, वह पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ हुए हैं. लोगों ने समाजवादी पार्टी की सरकार में गुंडई की चरम सीमा को देखा है. सत्ता से दूर जाने के बाद भी सपा नेता अपनी हरकतों से बाज में नहीं आ रहे. सपा मुखिया को यह समझना चाहिए कि यह भाजपा सरकार है, जिसमें अराजकता, गुंडई और अपराधियों को संरक्षण देने के बजाय जेल की सलाखों में भेज दिया जाता है.
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