कांग्रेस में भी कुछ ऐसे नेता हैं, जो खुलेआम कहने लगे हैं कि पार्टी ने मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति कर देश के 85 प्रतिशत लोगों को अपने से दूर कर दिया है। यही कारण है कि पूरे देश में कांग्रेस लगातार चुनाव हारती जा रही है। अब उसकी ताकत क्षेत्रीय दलों के बराबर भी नहीं रह गई है।
रायबरेली के हरचंदपुर से कांग्रेस के विधायक राकेश सिंह का मानना है कि पार्टी को पंचायत चुनाव में उसकी नीतियों के कारण हार मिली है। उन्होंने यह भी कहा है कि मैं कांग्रेस का विधायक होते हुए भी उसकी नीतियों से खुश नहीं हूं। कांग्रेस मुस्लिम—परस्त राजनीति करती है। यदि कांग्रेस ने अपनी नीतियों को नहीं बदला तो उत्तर प्रदेश से उसका सफाया हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी को 85 प्रतिशत लोगों की भावनाओं के साथ चलना होगा, केवल 15 प्रतिशत से काम नहीं चलेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि जब से वे विधायक बने हैं, तब से अपने क्षेत्र के गांवों में वे क्रमश: अखंड रामायण का पाठ करवाते हैं, लेकिन कांग्रेस को यह पसंद नहीं है। कांग्रेस नहीं चाहती है कि समाज में कोई अच्छा काम हो। राकेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा भी की।
इससे पहले राकेश सिंह ने सीएए का विरोध करने वालों को देशद्रोही बताया था। उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिए मांग की थी कि इस कानून का विरोध करने वाले लोगों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल में डाल देना चाहिए। उन्होंने लिखा था कि जो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हित की बात करता है वह भारतीय नहीं हो सकता।
राकेश गत दिनों पंचायत चुनाव में अपनी पार्टी की हार के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे।
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में रायबरेली ही एकमात्र सीट थी, जहां से सोनिया गांधी को जीत मिली थी, लेकिन पंचायत चुनाव के परिणाम से दिखने लगा है कि कांग्रेस के इस किले की ईंटें भी दरकने लगी हैं। कांग्रेस ने जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए अपना प्रत्याशी तो उतारा, लेकिन वह जीत नहीं सकी। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि कांग्रेस ने आत्मसमर्पण कर दिया है।
2019 में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की हालत इतनी पतली हो गई थी कि वह अमेठी जैसी परम्परागत सीट भी हार गई थी। भाजपा की स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को हरा दिया था। इसके बाद से ही प्रियंका गांधी वाड्रा कांग्रेस में जान फूंकने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन उनकी हर कोशिश बेकार जा रही है। ऐसे में लोग कहने लगे हैं कि 2022 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस का हाल बुरा ही रहने वाला है।
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