दिल्ली में कोरोना से छह जुलाई, 2021 तक 25,001 लोग जान गंवा चुके हैं। इसके बावजूद दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार कोरोना—रोधी टीका लगवाने में वह इच्छाशक्ति नहीं दिखा रही है, जिसकी जरूरत है। सरकारी लापरवाही से सात जुलाई को दिल्ली में 72 प्रतिशत टीकाकरण केंद्र बंद रहे और केवल 22,289 लोगों को ही टीका लग पाया। आठ और नौ जुलाई को टीकाकरण तो हुआ, लेकिन उसकी गति बहुत धीमी रही
इन दिनों दिल्ली में कोरोना का टीका लगवाने वालों को बहुत परेशानी हो रही है। जब लोेग आनलाइन पंजीकरण का प्रयास करते हैं, तो उन्हें नि:शुल्क टीका लगाने वाले केंद्रों पर जगह नहीं मिलती है। हां, निजी अस्पतालों में कोई दिक्कत नहीं है। आप जब चाहें टीका लगवा सकते हैं। नि:शुल्क टीकाकरण केंद्रों पर लोगों को सुबह चार बजे से ही नंबर लगाना पड़ रहा है। यह भी समस्या है कि एक टीकाकरण केंद्र पर एक दिन में केवल 100 लोगों को टीका दिया जाता है। उदाहरण के लिए द्वारका, सेक्टर 2 स्थित सर्वोदय राजकीय विद्यालय में चल रहे केंद्र को ले सकते हैं। यहां सुबह चार बजे से ही टीका लेने वालों का नाम लिखा जाता है। इसके बाद साढ़े आठ बजे से टोकन के लिए कतार लगती है। कतार में खड़े लोगों को साढ़े नौ बजे के बाद से टोकन दिए जाते हैं। टोकन भी कभी 50 तो कभी 100 ही दिए जाते हैं।
इसके बाद टीकाकरण के लिए आनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू होती है। पंजीकरण शुरू होता नहीं है कि बिजली चली जाती है और दो—तीन घंटे तक आती नहीं है। यानी आनलाइन पंजीकरण का काम तीन घंटे तक ठप। जब पंजीकरण नहीं हो पाता है तो टीका भी नहीं लग पाता है। जब बिजली आती है तब पंजीकरण शुरू होता है और लोगों को टीका लगने लगता है। लगभग 30—35 लोगों को टीका लग पाता है, तब तक दोपहर के भोजन का समय हो जाता है। इसके बाद एक घंटे तक टीकाकरण बंद हो जाता है और लोग इस भीषण गर्मी में भटकते रहते हैं।
शालू नाम की एक लड़की ने कहा, ''आज यानी नौ जुलाई को भोजन अवकाश के बाद कुछ ही लोगोें को टीका लगाने के बाद कहा गया कि टीका खत्म हो गया। लोगों ने हंगामा किया तो कुछ ही देर में टीकाकरण शुरू कर दिया गया। सवाल उठता है पहले जिस केंद्र में टीका न होने की बात कही गई, उसी में हंगामे के बाद 10 मिनट के अंदर टीकाकरण शुरू कर दिया गया! यानी उनके पास टीका था। फिर लोगों को टीका क्यों नहीं लगाया जा रहा है!''
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