कोरोना महामारी से जिन महिलाओं के पति की मृत्यु हो गई है और उनके पास रहने को आवास और जीविका के लिए रोजगार नहीं है. ऐसी महिलाओं को यूपी सरकार कृषि एवं आवासीय भूमि का पट्टा उपलब्ध करायेगी.
पूरे प्रदेश में विशेष वरासत अभियान चलाया जा रहा है. यह अभियान 18 जुलाई तक चलेगा और इस दौरान राज्य के सभी 1,08,992 राजस्व गांवों में जाकर लेखपाल और कानूनगो जा रहे हैं. कोरोना महामारी से जान गंवाने वाले ग्रामीणों की निर्विवादित वरासत उनके विधिक उत्तराधिकारी के पक्ष में में दर्ज की जा रही है. अपर मुख्य सचिव (राजस्व) मनोज कुमार सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग कर सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि "इस अभियान में किसी भी प्रकार की कोताही न बरती जाय. कोरोना महामारी से मृत भू-स्वामियों की अविवादित वरासत उनकी विधवा या विधिक उत्तराधिकारियों के पक्ष में तत्काल दर्ज की जाय. कोरोना संक्रमण के कारण जिनकी मृत्यु हुई है उनके विधिक उत्तराधिकारी को किसी भी तरह के आवेदन की जरूरत नहीं होगी. लेखपाल एवं कानूनगो द्वारा आवश्यक विवरण एकत्र कर वरासत दर्ज की जाएगी."
जिन निराश्रित विधवा की आजीविका का कोई साधन नहीं है और आवास की भी समुचित सुविधा नहीं है, उनके पक्ष में अभियान चलाकर उनकी पात्रता के अनुसार कृषि योग्य एवं आवासीय भूमि के पट्टे आवंटित किए जाएंगे. आवास की पात्रता होने पर ग्राम्य विकास विभाग की मदद से आवास का निर्माण कराया जाएगा. मंडलायुक्त इसकी लगातार निगरानी करेंगे. प्रत्येक जिले में चलाए गए इस अभियान की जानकारी 20 जुलाई तक शासन को उपलब्ध करानी होगी.
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