कांग्रेस नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर सीबीआई का शिकंजा कसना शुरू हो गया है। दरसअल सर्वोच्च न्यायालय ने हुड्डा के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार में रोहतक में एक बिल्डर को जमीन देने के मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है।
बता दें कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने 2002 में रोहतक में आवासीय और व्यावसायिक क्षेत्र विकसित करने के लिए हुड्डा सरकार के पास 850 एकड़ जमीन अधिगृहित करने का प्रस्ताव भेजा था। अप्रैल, 2005 में उसे 422 एकड़ जमीन अधिगृहित करने का आदेश प्राप्त हुआ था। इसके पहले मार्च, 2005 में उद्धार गगन प्रापर्टीज लिमिटेड नामक रियल एस्टेट कंपनी ने कुछ किसानों के साथ समझौता कर लिया, जिनकी जमीन कॉलोनी बनाने के लिए अधिगृहित की जानी थी। उसके बाद रियल एस्टेट कंपनी ने 280 एकड़ पर एक कॉलोनी बनाने के लिए लाइसेंस मांगा।
तमाम अन्य मंजूरियों के बाद इस जमीन को अधिग्रहण से मुक्त कर दिया गया था। लाइसेंस जारी किए जाने के बाद भूस्वामियों के पावर आफ अटार्नी रखने वालों के माध्यम से जमीन भी उसके नाम कर दी गई। इन सब तथ्यों को देखते हुए जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने सीबीआई को इस मामले की जांच करने का आदेश दिया है।
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