प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ हुई सर्वदलीय बैठक के 13वें दिन यानी आज मंगलवार से परिसीमन आयोग केंद्रशासित प्रदेश के चार दिवसीय दौरे पर रहेगा। इस दौरान आयोग राजनीतिक दलों और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों से मिलेगा और जिलों के उपायुक्तों के साथ परिसीमन पर चर्चा करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ हुई सर्वदलीय बैठक के 13वें दिन यानी आज मंगलवार से परिसीमन आयोग केंद्रशासित प्रदेश के चार दिवसीय दौरे पर रहेगा। न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई की अगुवाई में आयोग दो दिन कश्मीर संभाग और दो दिन जम्मू संभाग में रहेगा। दोनों संभागों में आयोग 200 से अधिक प्रतिनिधिमंडलों से मिलेगा। महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी को छोड़ सभी दल आयोग से मिलने को तैयार हैं। आयोग की टीम श्रीनगर, पहलगाम, किश्तवाड़ और जम्मू में नुमाइंदों से मिलकर फीडबैक लेगी। आयोग के दौरे को देखते हुए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं।
24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के 14 बड़े नेताओं के साथ दिल्ली में बैठक की थी। उन्होंने कहा था कि दिल्ली से दिल की दूरी कम करनी है। बैठक के बाद कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस सहित सभी दलों के नेताओं ने बातचीत को बेहतर बताया था। इसके बाद फारूक अब्दुल्ला के घर गुपकार गुट की बैठक हुई। इसमें महबूबा मुफ्ती का पाकिस्तान प्रेम छलक कर बाहर आया। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले सरकार तालिबान से बात कर रही थी। जब तालिबान से बात हो सकती है तो पाकिस्तान से क्यों नहीं? उन्हें अवाम के लिए जम्मू-कश्मीर के नेताओं से भी बात करनी चाहिए।
महबूबा को छोड़ सभी दल तैयार
केंद्र सरकार ने पिछले साल मार्च में सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में परिसीमन आयोग का गठन किया था। चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा और जम्मू-कश्मीर के चुनाव आयुक्त के.के शर्मा आयोग के सदस्य हैं। आयोग की टीम 9 जुलाई तक जम्मू-कश्मीर में रहेगी। महबूबा मुफ्ती की पीडीपी को छोड़कर प्रदेश में पंजीकृत सभी 11 राजनीतिक दल परिसीमन प्रक्रिया में शामिल होंगे। इनमें भाजपा, कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस, पैंथर्स पार्टी, अपनी पार्टी, पीपुल्स कांफ्रेंस और बसपा प्रमुख हैं। इनके अलावा कई संगठनों के प्रतिनिधि में आयोग से मिलेंगे। महबूबा अनुच्छेद-370 की पुन: बहाली की मांग पर अड़ी हुई हैं। वह पहले ही कह चुकी हैं कि जब तक जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल नहीं हो जाता, तब तक वे कोई चुनाव नहीं लड़ेंगी। पार्टी के नेता फिरदौस अहमद टाक ने कहा कि बैठक में शामिल होने को पार्टी ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है। इस पर पार्टी नेताओं से विचार-विमर्श चल रहा है।
चार दिवसीय दौरे का प्रारूप
आयोग की टीम दौरे के शुरुआती दो दिन कश्मीर संभाग और अंतिम दो दिन जम्मू संभाग में रहेगी। कश्मीर में आयोग से 60 प्रतिनिधिमंडल मिलेंगे, जिनमें श्रीनगर के 43 और पहलगाम के 17 प्रतिनिधिमंडल शामिल हैं। वहीं, किश्तवाड़ में 50 व जम्मू में लगभग 105 प्रतिनिधिमंडल मिल सकते हैं। दौरे के पहले दिन आयोग श्रीनगर में राजनीतिक दलों और संगठनों के प्रतिनिधियों से मिलेगा। 7 जुलाई को पहलगाम में दक्षिणी कश्मीर के चार जिलों अनंतनाग, शोपियां, कुलगाम एवं पुलवामा के प्रतिनिधियों से मुलाकात के बाद आयोग इन जिलों के उपायुक्तों के साथ बैठक करेगा। इसके बाद कश्मीर संभाग के शेष छह जिलों श्रीनगर, गांदरबल, बडगाम, बांदीपोरा, बारामुला व कुपवाड़ा के उपायुक्तों के साथ परिसीमन के विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा करेगा। 8 जुलाई आयोग किश्तवाड़ जाएगा और डोडा, किश्तवाड़ व रामबन के प्रतिनिधियों से मुलाकात के बाद इन जिलों के उपायुक्तों के साथ बैठक करेगा। इसी दिन दोपहर तक आयोग की टीम जम्मू पहुंचेगी, जहां विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधिमंडलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं व विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों से मिलेगी। 9 जुलाई को आयोग की टीम जम्मू, सांबा, कठुआ, उधमपुर, रियासी, राजोरी और पुंछ के उपायुक्तों के साथ वर्चुअल बैठक कर दौरा खत्म करेगी।
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