दरभंगा पार्सल विस्फोट के मामले में हैदाराबाद से पकड़े गए इमरान खान और नासिर खान दोनों सगे भाई हैं। इनके अब्बा मोहम्मद मूसा फौज में रहे हैं। कहा जा रहा है कि इमरान और नासिर ने सिकंदरा—दरभंगा रेलगाड़ी में आग लगाने की साजिश रची थी, लेकिन वे इसमें सफल नहीं हो सके। कहने के लिए तो ये लोग हैदराबाद में कपड़े बेचते थे, लेकिन ये लश्करे तोयबा के इशारे पर देश में तबाही मचाने के लिए काम कर रहे थे
गत दिनों राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए ने दो सगे भाइयों को गिरफ्तार किया है। एक का नाम है इमरान मलिक उर्फ इमरान खान और दूसरे का नाम है मोहम्मद नासिर खान। हैदराबाद से पकड़े गए इन दोनों पर आरोप है कि इन्होंने सिकंदरा-दरभंगा एक्सप्रेस में कथित पार्सल के रूप में विस्फोटक रखा था। बता दें कि 17 जून को दरभंगा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर एक पार्सल में विस्फोट हुआ था। जांच से पता चला कि उस पार्सल को इमरान और नासिर ने ज्वलनशाील पदार्थों के साथ बुक किया था, ताकि रास्ते में उसके जरिए पूरी गाड़ी में आग लगाई जा सके। इसके लिए बोतल के ऊपर सेंसर लगाकर ट्रेन की तेज रफ्तार होने के बाद विस्फोट कराकर आग लगाने की मंशा थी, पर ऐसा करने में वे सफल नहीं रहे और वह कथित पार्सल दरभंगा पहुंच गया।
जांच से पता चला है कि ये दोनों भाई लश्करे तोयबा के लिए काम करते थे। ये दोनों पाकिस्तान में बैठे आतंकी आकाओं के इशारे पर भारत में बम विस्फोट करना चाहते थे। इसके लिए काफी समय से प्रयास भी कर रहे थे। उसी प्रयास के अंतर्गत ही दोनों ने सिकंदरा—दरभंगा एक्सप्रेस में आग लगाने का षड्यंत्र रचा था। यह भी पता चला है कि दोनों भाई सिमी के लिए भी काम करते थे।
कहने के लिए तो ये दोनों हैदराबाद में पटरी पर कपड़े बेचने का काम करते थे, लेकिन इन दोनों की हरकतें ठीक नहीं थीं। ये दोनों मूलत: उत्तर प्रदेश में शामली के कैराना क्षेत्र के मोहल्ला कायस्थवाड़ा के रहने वाले हैं। इनके अब्बा मूसा सेवानिवृत्त सैनिक हैं। मूसा के चार बेटे हैं और एक बेटी है। बेटों में से दो गिरफ्तार हुए हैं और बाकी दो फिरोज और फारुख देहरादून में कपड़े का काम करते हैं।
टिप्पणियाँ