यूरोपीय संघ (ईयू) में शामिल सदस्य देशों के लिए आज से ‘ग्रीन पास’ योजना लागू हो गई है। इसके तहत ईयू के सदस्य देश यूरोपीय चिकित्सा एजेंसी द्वारा स्वीकृत चार टीके लगवाने वाले लोगों को यात्रा पाबंदी से छूट देंगे। इस ‘ग्रीन पास’ योजना में भारत के दो टीकों कोविशील्ड और कोवैक्सिन को शामिल नहीं किया गया है।
यूरोपीय संघ ने कोविशील्ड और कोवैक्सिन को अब तक मान्यता नहीं दी है। इस कारण भारतीयों को ‘ग्रीन पास’ नहीं मिल रहा है, जिससे उन्हें नौकरी, पढ़ाई, इलाज या दूसरे कारणों से यूरोप जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इससे नाराज भारत ने यूरोपीय संघ को साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर भारतीय टीकों को उसने मान्यता नहीं दी तो उसके प्रमाणपत्र को भी नहीं माना जाएगा। साथ ही, भारत आने वाले यूरोपीय नागरिकों के लिए 14 दिन का क्वारंटाइन अनिवार्य कर देगा।
यूरोप जाने वाले भारतीयों की परेशानी को देखते हुए भारत सरकार कई बार यूरोपीय संघ के समक्ष इस मामले को उठा चुका है। इसने समूह के 27 सदस्य देशों से भारत अनुरोध किया है कि कोविशील्ड और कोवैक्सिन के टीके लगवा चुके भारतीयों को यूरोप की यात्रा करने की अनुमति देने पर वे अलग-अलग विचार करें। इसके बावजूद उसने डिजिटल कोविड प्रमाणपत्र में दोनों टीकों को मान्यता नहीं दी है।
क्या है मामला
यूरोपीय संघ ने 1 जुलाई से ‘ग्रीन पास’ या डिजिटल कोविड प्रमाणपत्र योजना लागू की है। इसके तहत उन लोगों को समूह के देशों में कोरोना महामारी के दौरान यात्रा की छूट होगी, जिन्होंने यूरोपीय चिकित्सा एजेंसी (ईएमए) द्वारा स्वीकृत टीके लगवाए हैं। इसके अलावा, अलग-अलग सदस्य देश राष्ट्रीय स्तर पर या विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा स्वीकृत टीकों को भी मंजूरी दे सकेंगे। ईएमए ने केवल चार कोरोनारोधी टीकों को मान्यता दी है, जिनमें मॉडर्ना, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सजेवरिया, बायोएनटेक-फाइजर की कॉमिरनटी तथा जॉनसन एंड जॉनसन की जॉनसेन शामिल हैं। कोविशील्ड और कोवैक्सिन को ‘ग्रीन पास’ योजना में शामिल नहीं किया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका ने ही भारत में सीरम इंस्टीट्यूट के साथ कोविशील्ड को विकसित किया है, जिसे डब्ल्यूएचओ भी मान्यता दे चुका है। ईएमए का कहना है कि सीरम इंस्टीट्यूट ने मंजूरी के लिए आवेदन ही नहीं किया है।
भारत का पक्ष
विदेश मंत्री एस. जयशंकर जी-20 शिखर वार्ता की बैठक के लिए इटली गए थे। इस बैठक से इतर उन्होंने 29 जून को यूरोपीय संघ के प्रतिनिधि जोसेफ बोरेल फोंटेलेस के साथ बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने कोविशील्ड को यूरोपीय संघ के डिजिटल कोविड प्रमाणपत्र योजना में शामिल करने का मुद्दा उठाया था। सूत्रों के मुताबिक, भारत ने ईएमए से कहा है कि भारत में जिन लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है, उनके प्रमाणपत्र कोविन पोर्टल पर उपलब्ध हैं। वहां से इसकी पुष्टि हो जाएगी। भारत ने कहा है कि वह भी ग्रीन पास लेकर आने वाले लोगों को अनिवार्य क्वारंटाइन से से छूट देगा।
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