आलोक गोस्वामी
यूरोपीय संघ का सदस्य ग्रीस भारत के हितों की बात करता है, चाहे पाकिस्तान प्रायोजित आतंक का मुद्दा हो या कश्मीर का। इस दृष्टि से विदेश मंत्री जयशंकर का ग्रीस दौरा मील का पत्थर साबित हुआ
हाल में ग्रीस के दौरे पर गए भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपनी यात्रा को द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के संदर्भ में महत्वपूर्ण बताया है। गत 25 जून को 18 साल बाद भारत के कोई विदेश मंत्री ग्रीस पहुंचे थे। इस दो दिवसीय दौरे में जयशंकर ने ग्रीस के प्रधानमंत्री क्यारीकोस मित्सोटाकिस और विदेश मंत्री निकोस डेंडियास से दोनों देशों के बीच संबंधों को नए आयाम देने पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से प्रधानमंत्री कीरियाकोस को ग्रीस की आजादी की 200वीं वर्षगांठ की बधाई दी। जयशंकर ने ग्रीस के विदेश मंत्री के साथ तुर्की के पाकिस्तान के प्रति झुकाव, वैश्विक आतंकवाद, द्विपक्षीय संबंधों की रीति-नीति पर गहन विचार मंथन किया। आपसी सहयोग को विस्तार देने पर सहमति बनी।
उल्लेखनीय है कि ग्रीस के पश्चिमी छोर से तुर्की की सीमाएं सटी हैं और तुर्की दूसरों की जमीन पर अपने दावे जताता रहा है। मतलब, ग्रीस भी तुर्की की इस ढिठाई से परेशान है। वहां के राष्ट्रपति अर्दोगन की पिछली पाकिस्तान यात्रा में जिस तरह उन्होंने कश्मीर के मुद्दे पर उसकी तरफदारी की और कश्मीर को फिलिस्तीन से जोड़ा, वह सर्वथा निंदनीय था। अरमेनिया और अजरबेजान के बीच गत वर्ष नवम्बर—दिसम्बर में काराबाख क्षेत्र को लेकर छिड़ी जंग में तुर्की, और शायद उसके कंधे पर सवार होकर, पाकिस्तान ने खुलकर अजरबेजान का पक्ष लिया था। यहां तक कहा था कि आवश्यकता हुई तो वे अपनी सेनाएं भेजेंगे। भारत के विदेश मामलों के विशेषज्ञों ने बार—बार कहा है कि कश्मीर को लेकर तुर्की पाकिस्तान को हवा देता रहता है और संभवत: उसी की शह पर संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान हर बार बिना संदर्भ के भी कश्मीर का राग अलापता है।
भारत के विदेश मंत्री के साथ चर्चा में ग्रीस के विदेश मंत्री ने स्पष्ट कहा कि कश्मीर के मुद्दे पर वह भारत के मत का समर्थक है कि यह द्विपक्षीय मामला है जिसमें तीसरे की कोई भूमिका नहीं है। कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और साथ ही वैश्विक आतंकवाद के विरुद्ध दोनों देश एक प्रभावी रणनीति बनाने और उसमें भरपूर सहयोग देने पर भी सहमत हुए हैं।
अपने इस दौरेे के संदर्भ में विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्वीट कर जानकारी दी कि 'यूरोपीय संघ के साथ हमारे व्यापक जुड़ाव में ग्रीस एक महत्वपूर्ण हिस्सेदार है।' ग्रीस यूरोपीय संघ में एक महत्वपूर्ण भागीदार है जो भारत के हितों पर दमदारी से बात करता है। जयशंकर से भेंट के दौरान प्रधानमंत्री क्यारीकोस ने दोनों देशों के विदेश मंत्री स्तर की बैठक को ग्रीस और भारत के बीच संबंधों को आगे ले जाने की दृष्टि से महत्वपूर्ण बताया। ग्रीस के प्रधानमंत्री ने कहा,''मैं मानता हूं कि यह हमारे द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण मौका है।'
विदेश मंत्री जयशंकर का ग्रीस दौरा अनेक आयामों को समेटने वाला रहा, जिसमें व्यापार भी है। द्विपक्षीय व्यापार को देखें तो भारत और ग्रीस के बीच फिलहाल 530 मिलियन डॉलर का व्यापार हो रहा है। अनेक भारतीय कंपनियों के ग्रीस से व्यापार हित जुड़े हैं।
ग्रीस के साथ भारत के पारस्परिक व प्राकृतिक संबंध हैं। और प्रधानमंत्री क्यारीकोस ने भेंट के दौरान यह कहा भी कि यह वक्त दोनों देशों के बीच पारस्परिक रिश्तों को और मजबूत बनाने का है। उन्होंने इस दौरान भारत की विशिष्ट पहल, अंतरराष्ट्रीय सौर संगठन में सहयोग देने की घोषणा की। उन्होंने कहा, भारत की यह पहल स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में सराहनीय योगदान है। इसका हिस्सा बनकर हमें गौरव होगा। प्रधानमंत्री क्यारीकोस ने संयुक्त राष्ट्र में भारत की अस्थायी सदस्यता को भी अहम बताया। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की इस वार्ता के बाद एक संयुक्त वक्तव्य भी जारी किया गया।
अपने ग्रीस दौरे के दौरान जयशंकर ने एथेंस में भारतीय दूतावास के बाहर महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर उनके साथ ग्रीस के विदेश मंत्री निकोस डेंडियासो और एथेंस के मेयर कोस्टास बकोयनिस मौजूद रहे।
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