शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी पर गत सोमवार को हमला हुआ. उनकी कार पर पथराव किया गया. इस हमले में वह सुरक्षित बच गए. पुलिस इस घटना की जांच कर रही है.
लखनऊ के कश्मीरी मोहल्ले में वसीम रिजवी का पुश्तैनी आवास है . उस घर से निकल कर वे अपने नए फ्लैट पर जा रहे थे. एक कार में वे खुद बैठे हुए थे और एक कार पीछे – पीछे चल रही थी. पीछे वाली कार में उनके सुरक्षाकर्मी बैठे हुए थे. जैसे ही वे कश्मीरी मोहल्ले से निकलकर चौक क्षेत्र में पहुंचे. वहां पर कुछ लोगों ने उनकी कार पर पथराव कर दिया. वसीम रिजवी ने बताया कि अचानक हुए इस हमले में वे कुछ समझ नहीं पाए. कुछ समय बाद जब उन्होंने कार रोकने का प्रयास किया तब तक हमलावर भाग चुके थे. इस घटना की सूचना वसीम रिजवी ने थाना चौक कोतवाली में दर्ज कराई.
कुछ माह पूर्व वसीम रिजवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका योजित की थी कि कुरान से उन 26 आयतों को हटाया जाय. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था और जुर्माना भी लगाया था. उसके बाद से वसीम रिज़वी अंडर ग्राउंड हो गए. उसके बाद उन्होंने कुरान की 26 आयतों को हटा कर एक नई कुरान तैयार की. प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था कि वर्तमान समय में जो कुरान मदरसों में पढ़ाई जा रही है. उस पर प्रतिबन्ध लगाया जाय और उनके द्वारा लिखी गई नई कुरान को मदरसों में पढ़ाया जाय.
उन्होंने पत्र में लिखा था कि “कुरान – ए – मजीद को आखिरी बार इस्लाम के तीसरे खलीफा उस्मान द्वारा तैयार कराया गया था जिसको आज तक अल्लाह की किताब मानकर पढ़ा जाता है. मेरे द्वारा कुरआन का अध्ययन किया गया और यह पाया गया कि कुरान-ए-मजीद में 26 आयते ऐसी हैं जो कि अल्लाह का कथन नहीं हो सकती क्योंकि ये आयते आतंकवाद, चरमपंथी, कट्टरपंथी मानसिकता को बढ़ावा देती है. इन कुरान की आयतों के कारण मुस्लिम समाज में आतंकी विचारधारा पैदा हो रही है. यही कारण है कि पूरे विश्व में मुस्लिम आतंकवाद चरम सीमा पर है. गहन अध्ययन के बाद मेरे द्वारा पूर्व में लिखे गए व लिखवाए गए कुरान-ए-मजीद के सूरोह को सही क्रम में लगाया गया है और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली 26 आयतों को कुरान-ए-मजीद से हटा दिया गया है.”
दाउद इब्राहिम गैंग दे चुका है वसीम रिज़वी की हत्या की सुपारी
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में पुलिस ने तीन अपराधी गिरफ्तार किये थे. उन तीनों को वसीम रिजवी की हत्या करने की सुपारी दी गई थी. दिल्ली पुलिस को उन दिनों विदेश से आने वाली फोन काल की सूचना मिल रही थी. जब पुलिस ने इस दिशा में सक्रियता बढ़ाई तो सलीम जो उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जनपद का रहने वाला है. संदेह के घेरे में आ गया. गिरफ्तार होने पर उसने पुलिस को बताया था कि वह काम काज के सिलसिले में दुबई गया था. वहीं पर उसका संपर्क दाउद इब्राहिम की कंपनी से हो गया था. सलीम को डी कंपनी की तरफ से शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी की हत्या की सुपारी दी गयी थी. सलीम अपने साथियो के साथ लखनऊ में वसीम रिज़वी के घर की रेकी दो बार कर चुका था. इसी बीच दिल्ली पुलिस ने सलीम और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया था.
अरब में इस्लाम आने से पहले 360 अल्लाह हुआ करते थे– वसीम
वर्ष 2018 में भी वसीम रिज़वी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर गुहार लगाई थी कि इस्लाम धर्म के नाम पर चाँद – तारे वाले हरा झंडा , पाकिस्तान मुस्लिम लीग का झंडा है. हिन्दुस्थान में इस झंडे को नहीं फहराया जाना चाहिए. ऐसे झंडो को फहराने पर पाबंदी लगाई जाय . वसीम रिज़वी ने उस समय पांचजन्य को बताया था कि सउदी अरब में जब इस्लाम आया उसके पहले वहा पर 360 अल्लाह हुआ करते थे. हर इलाके में लोगो ने अपने को अल्लाह घोषित कर रखा था. काबा पर हमला करके जब काबा को जीता गया तो वहां पर 360 अल्लाह के स्टेच्यू मिले थे. उसके बाद वहां पर इस्लाम मजहब आया और लोगों ने धीरे – धीरे इस्लाम कबूल किया . इस्लाम के पहले जो 360 अल्लाह हुआ करते थे उसमे हुबल नाम का अल्लाह सबसे ज्यादा मशहूर था. उस हूबल नाम के अल्लाह की फालोवर वहां की वेश्यायें भी थीं. वो अपने घरों के ऊपर चाँद -तारे का झंडा लगाती थी. उस समय हरा रंग शामिल नहीं हुआ था . करीब वर्ष 1906 में हरा रंग आया. काफी समय बाद इस झंडे में सफ़ेद रंग शामिल करके यह पाकिस्तान की मुस्लिम लीग का झंडा बना. इस झंडे को इस्लाम के नाम पर हिन्दुस्थान में आज भी फहराया जाता है. पाकिस्तान के मुस्लिम लीग के झंडे का हिन्दुस्थान में क्या काम , यह झंडा यहाँ क्यों फहराया जा रहा है.."
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