ऋचा का दिमागी परिमार्जन किया गया था उस प्रोफेसर द्वारा। इतना जहर भरा गया उसके अंदर कि उसने परिवार से नाता ही तोड़ लिया। सोशल मीडिया खातों पर अपने तमाम परिजनों को ब्लॉक कर दिया। वह अपने वेतन से हर महीने मस्जिद को 75,000 रुपए दान करती है। इस्लामवादियों का कन्वर्जन का खेल जारी है। हिन्दू युवतियों को बहला-फुसलाकर, बड़े सपने दिखाकर उन्हें मुस्लिम बनाया जा रहा है
'चमकते सितारे' की सूची में लाल घेरे में ऋचा का पहले का नाम और कन्वर्टिड नाम
उत्तर प्रदेश से इस्लामी कन्वर्जन मशीनरी की सरगर्मी की खबरें एक के बाद एक उजागर हो रही हैं, जो अपने में हैरानी और चिंता का विषय है। अब एक और हैरतअंगेज कहानी सामने आई है ऋचा की।
पता चला है कि एक मुस्लिम प्रोफेसर ने उसे ऐसा पाठ पढ़ाया कि ऋचा माहीन अली बन गई थी 2018 में, जब 33 महिलाओं को कन्वर्ट कराया गया था। तब इन्हें 'चमकते सितारे' की उपाधि दी गई थी। जिन महिलाओं क कन्वर्जन किया गया, उनकी सूची में ऋचा का पूर्व नाम 'ऋचा देवी' और नया नाम 'माहीन अली' दर्ज है।कानपुर में घाटमपुर निवासी 26 साल की ऋचा ने कानपुर और प्रयागराज से अपनी एमबीए की पढ़ाई पूरी की थी। लोकसेवा के पर्चे की तैयारी कर रही थी। इसी बीच उसका एक मुस्लिम प्रोफेसर से परिचय हुआ। नतीजा यह निकला कि उसने भी कन्वर्ट होने स्वीकार कर लिया और अपना नाम रख लिया माहीन अली।
माहीन बनी ऋचा परिवार से अलग नोएडा में रहती है और एक कंपनी में नौकरी करती है। गत 24 जून को जब एटीएस टीम ऋचा के परिवार के यहां गई तो पता चला कन्वर्जन के बाद से हर घर ही नहीं आई है। परिजन इतने आक्रोश में हैं कि उन्होंने एटीएस से कहा कि अगर अब वह आती भी है तो हम उसे साथ नहीं रखेंगे, उसे स्वीकार नहीं करेंगे।
खबरों के अनुसार, ऋचा का दिमागी परिमार्जन किया गया था उस प्रोफेसर द्वारा। इतना जहर भरा गया उसके अंदर कि उसने परिवार से नाता ही तोड़ लिया। सोशल मीडिया खातों पर अपने तमाम परिजनों को ब्लॉक कर दिया। चौंकाने वाली बात एक और भी है कि वह अपने वेतन से हर महीने मस्जिद को 75,000 रुपए दान करती है। लेकिन परिजन ने ही एटीएस को उसका मोबाइल नंबर और नोएडा में निवास का पता बताया है। फिलहाल यह खुलासा नहीं हुआ है किमुस्लिम बन चुकी ऋचा उर्फ माहीन को इस्लामवादियों ने इतनी मजहबी घुट्टी पिला दी है कि अब वह खुद दूसरी महिलाओं और स्कूल—कालेज की छात्राओं को कन्वर्जन करने के लिए उकसाती है। यह पता चला है कई सबूतों से।
उल्लेखनीय है अभी पिछले ही दिनों नोएडा में ए़टीएस टीम ने इस्लामी कन्वर्जन में लगे दो मौलानाओं को हिरासत में लिया था। इसमें से एक था उमर गौतम, जो पहले हिंदू ही था। वह करीब 30 साल पहले कन्वर्ट होकर मुस्लिम बन चुका था। इसके बाद से वह जामिया नगर, दिल्ली में कन्वर्जन का षड्यंत्र चलाता था इस्लामिक दावा सेंटर के नाम से। मोहम्मद उमर गौतम से जुड़ी तमाम जानकारियां पांचजन्य में प्रकाशित हुई हैं।
यही वही उमर है जिसकी पोल फतेहपुर की कल्पना सिंह ने खोली थी। कल्पना नूरुल हुदा इंग्लिश मीडियम स्कूल में अंग्रेजी की शिक्षिका थीं। वे बताती हैं कि उनके स्कूल में भी उमर गौतम आता-जाता रहता था। फरवरी 2020 में भी गौतम स्कूल आया था, साथ में कई सारे और मौलाना भी थे। उन मौलानाओं ने कल्पना पर भी कन्वर्जन कराने का जोर डाला था।
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