देश में कोरोना टीकाकरण अभियान में जुटी टीम को टीका लगाने में तरह-तरह की चुनौतियों और मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पश्चिम बंगाल के अलीपुरदुआर जिले के सुदूर एक गांव में पहुंचने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को 10 किलोमीटर से अधिक पैदल चलना पड़ा। जंगलों और पथरीले पहाड़ी रास्तों से होते हुए टीम न केवल गांव में पहुंची, बल्कि 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को टीका भी लगाया।
अलीपुरदुआर के जिलाधिकारी सुरेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि राज्य में ‘दुआरे टीकाकरण अभियान’ चलाया जा रहा है। जिले का अदमा गांव पश्चिम बंगाल के सबसे दूरदराज के इलाकों में से एक है। अन्य टीकाकरण केंद्र और उप-केंद्र वहां से बहुत दूर हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम 10-12 किलोमीटर का मैदानी और दुर्गम इलाका पार कर अदमा गांव पहुंचे। की दूरी तय करके इस स्थान पर पहुंचे और कठिन इलाके को पार करके हम पहुंचे। यह कार्यक्रम विशेष रूप से 45 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के लोगोंके लिए है ताकि उन्हें टीकाकरण के लिए दूर नहीं जाना पड़े। इसलिए जिला अधिकारियों, स्वास्थ्य अधिकारियों की एक टीम टीकाकरण के गांव पहुंची थी। लोग भी खुश थे, क्योंकि उन्हें टीकाकरण के लिए कहीं जाना नहीं पड़ा।’’
स्वच्छता बनाए रखने के लिए टीम ने लोगों में मास्क, सैनिटाइजर और अन्य आवश्यक चीजें भी बांटीं। मीणा नं कहा, ‘‘इस अभियान के तहत लगभग 50 लोगों को टीका लगाया गया है। हमारा लक्ष्य 100 लोगों को टीका लगाने का है। हम लाभार्थियों को टीकाकरण प्रमाण पत्र भी प्रदान कर रहे हैं।’’ एक लाभार्थी ने कहा, "यह देख कर अच्छा लगा कि हमें टीका लगाया गया है, यह सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारी खुद आए। हम टीकाकरण को लेकर चिंतित थे, क्योंकि हमारा गांव बहुत दूर है। हमारे लिए जिला प्रशासन ने जो प्रयास किया, उसके लिए आभारी हैं।" इस बीच, केंद्रीकृत मुफ्त टीकाकरण महा-अभियान सोमवार से शुरू हो गया है। इसमे तहत 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को टीके लगाए जाएंगे।
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