विश्वप्रसिद्ध आध्यात्मिक संस्थान शांतिकुंज की स्वर्ण जयंती पर भारत सरकार के डाक विभाग ने एक डाक जारी किया है। इसका विमोचन 20 जून को किया गया।
हरिद्वार स्थित विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक संस्थान शांतिकुंज की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य भारत सरकार ने पांच रुपए का डाक टिकट जारी किया है। इस डाक टिकट का विमोचन 20 जून को हरिद्वार में आयोजित एक कार्यक्रम में किया गया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय सूचना प्रसारण एवं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद आनलाइन जुड़े। उन्होंने कहा कि पूज्य पं.श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने आजादी के समय में आध्यात्मिक चेतना को जगाने की दिशा में जबरदस्त काम किया है। साथ ही उन्होंने अध्यात्म और विज्ञान के बीच प्रशंसनीय कार्य किया है। इन दिनों शांतिकुंज आध्यात्मिक चेतना जगाने, पौधारोपण, गंगा, आपदा, युवा आदि के बीच विभिन्न रूपों में महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। शांतिकुंज की स्वर्ण जयंती के अवसर पर डाक टिकट जारी करना एक सुखद संयोग है। कार्यक्रम के अध्यक्ष अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डाॅ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि यह वर्ष शांतिकुंज की स्थापना का पचासवां वर्ष है। इस अवसर पर डाक टिकट का विमोचन होना शांतिकुंज के सृजनात्मक एवं रचनात्मक कार्यों पर सरकार का मोहर लगना जैसा है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि शांतिकुंज की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में डाक टिकट जारी होना सनातन संस्कृति को बढ़ावा देना है। यह पूज्य पं. श्रीराम शर्मा आचार्य के प्रति हमारा सम्मान है। सामाजिक एवं आध्यात्मिक विकास को बढ़ाने में शांतिकुंज द्वारा किया जा रहा सेवा कार्य है सराहनीय है। इस अवसर पर गायत्री परिवार की संरक्षिका शैलदीदी, देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति श्री शरद पारधी, उप कुलपति डा. चिन्मय पंड्या, कुलसचिव श्री बलदाउ देवांगन, डाक विभाग के निदेशक श्री सुनील पाल आदि उपस्थित थे।
180 साल पुराना है डाक टिकट का इतिहास
सबसे पहले इंग्लैण्ड में 1840 में डाक टिकट का प्रचलन प्रारंभ हुआ। इसके बाद धीरे-धीरे विश्व भर में डाक टिकट का प्रचलन बढ़ा। भारत का पहला डाक टिकट भारतीय ध्वज के चित्र वाला 1947 में जारी हुआ था। डाक टिकट कुल 6 प्रकार के होते हैं। उत्तराखण्ड से संबंधित अब तक कुल 28 विभिन्न प्रकार के डाक टिकट जारी हो चुके हैं। इसमें राज्य के प्रतिष्ठित व्यक्तियों, संस्थानों, पक्षी, फूल आदि शामिल हैं।
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