उत्तर प्रदेश में निवेश का बेहतर वातावरण बन गया है. विभिन्न क्षेत्रों में निवेश हो रहा है. योगी सरकार ने कानून – व्यवस्था को चाक – चौबंद किया. उद्योग के क्षेत्र में सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया.
उत्तर प्रदेश में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र सबसे पसंदीदा सेक्टर बनकर उभरा है. इस सेक्टर में साढ़े तीन वर्षों के दौरान 13,408.19 करोड़ रुपए के 98 निवेश प्रस्ताव आए हैं. मैन्युफैक्चरिंग वह सेक्टर है जिसमें निवेश करने को लेकर उद्योगपति बेहद सतर्कता बरतते हैं. जिस राज्य में बेहतर औद्योगिक माहौल होता है, उसी राज्य में बड़े उद्योगपति अपनी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाने पर ध्यान देते हैं. निवेश के दस प्रस्ताव विदेशी निवेशकों के हैं जो राज्य में 4,250 करोड़ रुपए का निवेश करना चाहते हैं. सूबे में बड़ी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाने के लिए देशी कंपनियों के जो 88 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं उनमें 22, 028 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा.
मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में फैक्ट्री लगा रहे 88 में से 66 बड़े उद्योगपतियों को सरकार ने जमीन मुहैया करा दी है और इनमें से अधिकांश में उत्पादन होने लगा है. इसके अलावा 26 बड़े उद्योगपतियों की फैक्ट्री का निर्माण कार्य प्रगति पर है. जानकारी के अनुसार, कोवस्ट्रो आईपी ने गौतमबुद्ध नगर (नोयडा) में 800 करोड़ रुपए का निवेश प्लास्टिक उत्पादन की यूनिट लगाने में कर रही हैं. इसी प्रकार अल्ट्राटेक कंपनी 600 करोड़ रुपए का निवेश कर प्रयागराज में सीमेंट की फैक्ट्री लगा रही है. स्पर्श इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड ने 600 करोड़ रुपए और रिमझिम इस्पात ने 550 करोड़ रूपये का निवेश कानपुर देहात में किया है.
डीसीएम श्रीराम 361 करोड़ रुपए का निवेश कर हरदोई में चीनी मिल लगा रही है. केंट आरओ सिस्टम्स लिमिटेड ने 300 करोड़ रूपये का निवेश गौतमबुद्धनगर, पीटीसी इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने लखनऊ में 205 करोड़ रूपये का निवेश किया है. एमएम फॉरगिंग्स प्राइवेट लिमिटेड ने 150 करोड़ रूपये का निवेश बाराबंकी में किया है. पासवर पेपर्स ने मेरठ में 351 करोड़ रुपए एवं सिल्वरस्टोन ने मुजफ्फरनगर में 180 करोड़ रुपए का निवेश पेपर मिल लगाने में किया है. इन सभी कंपनियों का उत्पादन भी शुरू हो गया है. इसके अलावा कनोडिया ग्रुप अमेठी में 1200 करोड़ रुपए तथा जेके सीमेंट लिमिटेड अलीगढ़ में 650 करोड़ रुपए का निवेश सीमेंट की फैक्ट्री लगाने में कर रहे हैं.
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