मुम्बई में नौ स्थानों पर कोरोना—रोधी नकली टीका लगाने की खबर से लोगों में एक कई तरह की शंकाएं हैं। पुलिस ने दो आरोपियों को किया गिरफ्तार। प्रशासन का कहना है कि किसी निजी स्थान पर टीका लगवाने से पहले उसकी अच्छी तरह जांच कर लें।
इस महामारी के दौर में भी कुछ लोग पैसे के पीछे इस तरह भाग रहे हैं कि इसके लिए वे नकली टीका तक लगा रहे हैं। एक ऐसा ही मामला मुंबई के कांदीवली में सामने आया है। यहां की एक हाउसिंग सोसायटी हीरानंदानी हेरिटेज के निवासियों ने आरोप लगाया है कि उन्हें पिछले दिनों कोरोना का नकली टीका लगाया गया है। पता चला है कि कुछ दिन पहले राजेश पांडे नामक एक व्यक्ति ने अपने को कोकिलाबेन अंबानी अस्पताल का प्रतिनिधि बताते हुए सोसायटी कमेटी के सदस्यों से संपर्क किया था। उसने लोगों को बताया कि उसका अस्पताल सोसायटी में ही टीकाकरण शिविर लगाकर सभी को टीका लगवा देगा और वह भी मात्र 1260 रु. प्रति खुराक। यह बात 30 मई से पहले की थी। उन दिनों टीका लगवाने के लिए लोगों को बड़ी मशक्कत करनी पड़ रही थी। इसलिए सोसायटी वाले भी तैयार हो गए। इसके बाद सोसायटी में टीकाकरण अभियान चलाया गया, जिसका संचालन संजय गुप्ता नामक एक व्यक्ति कर रहा था। सोसायटी वालों से पैसे लेने का काम महेंद्र सिंह ने किया।
सोसायटी के लोगों को कहना है कि टीका लगवाते समय न तो किसी को फोटो लेने दिया गया और न ही किसी के मोबाइल मेें प्रमाणपत्र आया। इससे उसी समय कुछ शक तो हुआ, लेकिन लोगों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। सोसायटी में 390 लोगों को टीका लगाया गया, लेकिन किसी को कोई परेशानी भी नहीं हुई। इससे लोगों को लगा कि कहीं उन्हें नकली टीका तो नहीं लगाया गया है! इस शंका के समाधान के लिए जब कोकिलाबेन अंबानी अस्पताल से संपर्क किया गया तो पता चला कि अस्पताल ने ऐसा कोई टीकाकरण केंद्र शुरू ही नहीं किया है। इसके बाद सोसायटी वालों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
बाद में पता चला कि ऐसी ठगी मुम्बई के नौ जगहों पर हुई है। उम्मीद है कि इसके दोषियों को जल्दी ही सजा मिलेगी।
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