पहले उद्योगों को एनओसी मिलने में काफी समय लग जाता था. अब 72 घंटे में एनओसी दी जा रही है. प्रदेश में गत चार वर्षों में साढ़े तीन लाख से अधिक एनओसी दी जा चुकी है. लंबित भुगतान के लिए 18 मंडलों में फेसिलिटेशन काउंसिल का गठन किया गया है. पहले यह सुविधा सिर्फ कानपुर जनपद में थी.
उत्तर प्रदेश में उद्योग के क्षेत्र में 3,52,098 एनओसी दी गई है. इसमें विदेशी कंपनियों से लेकर घरेलू कंपनियां शामिल हैं. निवेश फ्रेंडली सिस्टम के कारण 1,50,376 उद्यमियों ने संतुष्टि भी जाहिर की है. निवेश मित्र पोर्टल पर श्रम विभाग में एक दिन में 1,04,767 एनओसी दी गई. अधिकतर आवेदन में एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) एक हफ्ते के भीतर जारी कर दी गई. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 36,668 एनओसी औसतन 10 दिन में जारी कर दिया. फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विभाग ने औसतन छह दिन में 20,400 एनओसी दी.
मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल ने ट्विट किया है कि “उत्तर प्रदेश सरकार के निवेश मित्र पोर्टल के तहत जारी प्रमाण पत्र/एनओसी/स्वीकृति/सहमति की संख्या साढ़े तीन लाख पार कर गई है.” प्रदेश में पहली बार उद्योगों को आनलाइन एनओसी देने के लिए फरवरी 2018 में शुरूआत की गई थी और निवेश मित्र पोर्टल लांच किया गया था. इस पोर्टल के माध्यम से सभी प्रकार की एनओसी पारदर्शिता के साथ निर्धारित समय में दी जाती है. इससे उद्यमियों को दफ्तर का चक्कर नहीं लगाना पड़ता है.
प्रदेश में नए निवेशक आकर्षित हो रहे हैं. सरकारी क्षेत्र में तकनीक के इस्तेमाल से उद्यमियों को बेवजह की पेचीदगियों से मुक्ति मिली है. उद्यमियों के लिए सरकार ने सभी स्वीकृतियां, अनुमोदन और अनुमति आनलाइन कर दी है. कई तरह के लाइसेंसों, एनओसी, स्वीकृतियों और अनुमोदन को डिजिटल किया गया. औद्योगिक इकाइयों की ओर से विभिन्न अधिनियमों के अंतर्गत दाखिल होने वाले रिटर्न या सूचनाओं को एकीकृत करते हुए कम किया ग
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