केंद्र सरकार की ओर से बार-बार चेतावनी देने के बाद भी इंटरनेट मीडिया के नए नियमों का पालन नहीं करने पर ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। ऐसे में अब उसका इंटरमीडियरी (मध्यस्थ) का दर्जा खत्म हो गया है।
केंद्र सरकार की ओर से बार-बार चेतावनी देने के बाद भी इंटरनेट मीडिया के नए नियमों का पालन नहीं करने पर ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। ऐसे में अब उसका इंटरमीडियरी (मध्यस्थ) का दर्जा खत्म हो गया है। खबरों की मानें तो सरकार ने ट्विटर को पांच जून को आखिरी चेतावनी दी थी। पर उसके बाद भी ट्विटर का वही रवैया रहा। उसकी ओर से नियमों का पालन नहीं किया गया। ट्विटर के इस रुख पर अब सरकार कड़ाई करने का मन बना चुकी है। ऐसे में अब कंटेंट को लेकर शिकायत मिलने पर ट्विटर के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जा सकेगी।
इंटरमीडियरी दर्जा
इंटरमीडियरी दर्जा यानी मध्यस्थ का दर्जा खत्म होने से यह प्लेटफार्म सामान्य मीडिया की श्रेणी में आ जाएगा। इसका अर्थ यह हुआ कि अब ट्विटर के प्लेटफार्म पर चलने वाले किसी भी कंटेंट, वीडियो या अन्य चीज को लेकर मुकदमा दर्ज होता है तो ट्विटर भी उसमें पार्टी बनेगा और भारतीय दंड संहिता के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
बता दें कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से जारी की इंटरमीडियरी गाइडलाइंस के बाद ट्विटर ने देर रात अंतरिम चीफ कम्पलायंस ऑफिसर नियुक्त किया है। कंपनी ने कहा है कि जल्द ही आईटी मंत्रालय के साथ ब्यौरा शेयर किया जाएगा। ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा कि नई गाइडलाइंस का पालन करने की हर कोशिश जारी है।
18 जून को तलब किया
इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी संबंधी पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी ने ट्विटर को समन भेजा है। ट्विटर के अधिकारियों को समन भेजकर 18 जून को कमेटी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है। ट्विटर को नागरिक अधिकारों की सुरक्षा, सोशल मीडिया/ऑनलाइन न्यूज मीडिया प्लेटफॉर्म के गलत प्रयोग को रोकने और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर समन भेजा गया है।
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