डॉ. अंबा शंकर बाजपेयी
विधान सभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ जिन लोगों ने मत दिया वे अब न केवल “लक्षित हिंसा” से पीड़ित हैं बल्कि सत्ताधारी दल के गुंडों द्वारा ऐसे लोगों को कोरोना महामारी के टीकाकारण से वंचित किया जा रहा है। टीएमसी के गुंडे भाजपा कार्यकर्ताओं—समर्थकों के टीकाकरण में बाधा पहुंचा रहे हैं और उन्हें बूथ से भगाया तक जा रहा
पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद से जारी राजनीतिक हिंसा में अब तक 45 से अधिक भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं—समर्थकों की हत्या हो चुकी हैं। तरह—तरह से इन कार्यकर्ताओं को परेशान किया जा रहा। इसी कड़ी में जिन लोगों ने सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ मत दिया वे न केवल “लक्षित हिंसा” से पीड़ित हैं बल्कि सत्ताधारी दल के गुंडों द्वारा ऐसे लोगों को कोरोना महामारी के टीकाकारण से वंचित किया जा रहा है। खबरों की मानें तो टीएमसी के गुंडे भाजपा कार्यकर्ताओं—समर्थकों के टीकाकरण में बाधा पहुंचा रहे हैं और उन्हें बूथ से भगाया तक जा रहा। कोलकाता म्युनिसिपल कारपोरेशन वार्ड नंबर 6 के टीकाकरण अभियान के संयोजक ने कल टीका लगवाने गए कुछ लोगों का न केवल विरोध किया बल्कि कहा कि तुम्हारा अपराध है कि तुम भाजपा समर्थक हो। जब इस घटना की तहकीकात की गयी तो पता चला की ऐसी घटनाएं पूरे राज्य हो रही हैं।
सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस द्वारा भारतीय जनता पार्टी के समर्थकों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार करना कोई नई बात नहीं है। पिछले साल कोरोना महामारी के दौरान भी जब लॉकडाउन लगा तो भारत सरकार ने राज्य के लोगों का ध्यान रखते हुए एफसीआई के दरवाजे खोल दिए, ताकि सामान्य व्यक्तियों के समक्ष भोजन का संकट न खड़ा हो। लेकिन इस दौरान भी राज्य सरकार ने खाद्य-सामग्री का वितरण सिर्फ अपने काडर को किया। भेदभाव की राजनीति पर नदिया जिले के कल्याणी निवासी असित मंडल कहते हैं, “राज्य सरकार की भेदभाव वाली नीति नई नहीं है। वह राशन कार्ड से लेकर मतदाता पहचान पत्र तक बनवाने में भेदभाव करती है। ऐसे में अगर कोई विरोध करता है तो टीएमसी के गुंडे उसके साथ मारपीट करते हैं और पुलिस में शिकायत करके जेल भिजवा देते हैं। इस अराजक माहौल में कैसे कोई अपनी बात रख पाएगा। क्योंकि हमें तो यहीं रहना है। हमारी कोई नहीं सुनता। इसलिए सब सहन करने को मजबूर हैं।”
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा भेदभाव की स्थिति यहां तक है कि अगर आपको राशन कार्ड या मतदाता पहचान पत्र बनवाना है तो पहले तृणमूल कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता लेने का दवाब बनाया जाता है। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो राज्य सरकार व भारत सरकार की किसी भी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं लेने दिया जाता। राज्य में भेदभाव की स्थिति पर राज्यपाल भी कहते हैं कि राज्य अकल्पनीय स्तर पर चुनाव बाद प्रतिशोधात्मक हिंसा की चपेट में है। लाखों लोग विस्थापित किए जा रहे हैं और करोड़ों की सम्पतियों को नष्ट किया गया है। क्योंकि ऐसे लोगों ने सत्ताधारी दल के विरुद्ध मतदान किया था.
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