विदेश/इटली: बीआरआई पर चीन को झटका, कई देश रद्द कर रहे समझौता
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विदेश/इटली: बीआरआई पर चीन को झटका, कई देश रद्द कर रहे समझौता

by WEB DESK
Jun 15, 2021, 07:11 pm IST
in दिल्ली
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जी7 में इटली के प्रधानमंत्री द्रागी ने बीआरआई पर चीन की शर्तों पर नए सिरे से विचार करने की बात करके बीजिंग की नींद उड़ा दी है। कोरोना के संदर्भ में दुनिया भर में चीन के बदनाम होने पर कई देश उसके साथ संबंधों पर कर रहे पुनर्विचार

चीन के बीआरआई समझौते पर इटली ने फिर से विचार करने की बात की है। हाल में ब्रिटेन में संपन्न जी7 सम्मेलन में इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्रागी ने यह मांग रखकर चीन में खलबली मचा दी है। द्रागी ने जी7 सम्मेलन में मौजूद शीर्ष नेताओं के सामने कहा, ''बीआरआई पर फिर से विचार करने का अर्थ केवल चीन को घेरना नहीं है। परुन्तु असल में हमें अभी तक कोई ऐसा विकल्प नहीं दिया गया है जो हमारे साझा मूल्यों, मानकों और कारोबारी तरीकों को सामने रखता हो।''  
द्रागी ने 13 जून को जी7 सम्मेलन में कहा कि चीन के विस्तारवादी बेल्ट एण्ड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) योजना पर बहुत होशियार रहते हुए फिर से विचार होगा। बता दें कि इटली ने 2019 में चीन की इस बेहद महत्वाकांक्षी परियोजना का समर्थन किया था।चीन के संदर्भ में, द्रागी ने कहा कि विश्व के बहुपक्षीय नियम-कायदों और लोकतांत्रिक मूल्यों के विरोध में रहने वाली व्यवस्था निरंकुशता नहीं तो और क्या कही जाएगी। हम आपस में सहयोग तो करना चाहते हैं, लेकिन कई चीजों के बारे में स्पष्ट होने की जरूरत है। इटली के प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि 'जी7 सम्मेलन में भले ही चीन की इस परियोजना में इटली की सहभागिता का मुद्दा न उठाया गया हो, लेकिन बीआरआई समझौते पर फिर से विचार तो किया ही जाएगा'। यहां यह भी जानना जरूरी है कि सम्मेलन में जी7 नेताओं ने चीन की बीआरआई परियोजना से निपटने के लिए विकासशील देशों को सहयोग देने का वादा किया था। द्रागी के प्रधानमंत्री बनने से पहले इटली चीन की नीतियों का समर्थक देश माना जाता था।  

जी7 देशों के साथ अमेरिका ने चीन की बीआरआई परियोजना के सामने एक नए वैश्विक ढांचे ‘बिल्ड बैक बेटर वर्ल्ड' की योजना रखी। इस पर बोलते हुए अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है, ''यह परियोजना केवल चीन को घेरने से संबंधित नहीं है, बल्कि असल में हमने अभी तक कोई और विकल्प ही सामने नहीं रखा था, जो हमारे साझा मूल्यों, मानकों और कारोबारी तौर—तरीकों को दिखाता हो।''

इन घटनाक्रमों के दौरान लंदन में चीनी दूतावास के प्रवक्ता का बयान आया था कि वे दिन गए जब वैश्विक फैसले देशों के छोटे समूह के द्वारा लिए जाते थे। चीन की तरफ से यह भी कहा गया था कि कोई देश छोटा हो या बड़ा, अमीर हो या गरीब, सब बराबर हैं। वैश्विक मामलों में फैसले लेते समय सभी देशों की सहभागिता जरूरी है।
पता चला है कि इटली के अलावा भी कई देश चीन की इस अति महत्वाकांक्षी परियोजना पर फिर से विचार कर रहे हैं। कुछ तो इसमें से बाहर भी आ रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया ने कुछ दिन पहले चीन के साथ बीआरआई के अंतर्गत किए समझौतों को रद्द कर दिया था।ऑस्ट्रेलिया ने चीन के साथ किए गए उस समझौते को अपनी विदेश नीति के हित के विरुद्ध बताया था। ठीक ऐसा ही मत समोआ का था। सिर्फ 2,831 वर्ग किमी में फैले, लगभग 2,00,000 की जनसंख्या वाले समोआ ने भी 100 मिलियन डॉलर की चीनी बंदरगाह परियोजना को रद्द कर दिया था।

चीन के राष्ट्पति शी जिनपिन
इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्रागी

 

कई देश चीन की इस अति महत्वाकांक्षी परियोजना पर फिर से विचार कर रहे हैं। कुछ तो इसमें से बाहर भी आ रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया ने कुछ दिन पहले चीन के साथ बीआरआई के अंतर्गत किए समझौतों को रद्द कर दिया था। ऑस्ट्रेलिया ने चीन के साथ किए गए उस समझौते को अपनी विदेश नीति के हित के विरुद्ध बताया था। ठीक ऐसा ही मत समोआ का था। उसने भी 100 मिलियन डॉलर की चीनी बंदरगाह परियोजना को रद्द कर दिया था।

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