डॉ अम्बा शंकर बाजपेयी
पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम के बाद यानी 2 मई से शुरू हुई राजनीतिक हत्याओं का चक्र पूरा ही नहीं हो रहा है। इसी कड़ी में गत 11 जून को पूर्व मेदिनीपुर के पताशपुर विधानसभा की भाजपा महिला मोर्चा की उपाध्यक्षा रेखा मैती पर तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने जानलेवा हमला करके मरणासन्न कर दिया
पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम के बाद यानी 2 मई से शुरू हुई राजनीतिक हत्याओं का चक्र पूरा ही नहीं हो रहा है। प्रतिदिन प्रदेश में भाजपा के कार्यकर्ताओं—समर्थकों की राजनीतिक हत्याएं की जा रही हैं। इसी कड़ी में गत 11 जून को पूर्व मेदिनीपुर के पताशपुर विधानसभा की भाजपा महिला मोर्चा की उपाध्यक्षा रेखा मैती पर तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने जानलेवा हमला करके मरणासन्न कर दिया। मैती को नजदीक के अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां उनकी हालात नाजुक बनी हुई है।
पूर्व मेदिनीपुर वही क्षेत्र है, जहाँ पर शुभेंदु अधिकारी का प्रभाव माना जाता है। लेकिन पताशपुर में मुस्लिम जनसंख्या अच्छी खासी है और बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं—समर्थकों के ऊपर हमले वहीँ हुए जहां मुस्लिम जनसंख्या ज्यादा है। यही नहीं पिछले दिनों बीरभूम जिले के खैराशोल में भारतीय जनता पार्टी के बूथ उपाध्यक्ष मिठुन बागदी की तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने हत्या कर दी। अधिकतर स्थानों पर हालत कुछ इस कदर खराब है कि जो कार्यकर्ता—समर्थक तृणमूल कांग्रेस के गुडों के भय से अपने घरों से पलायन कर गए थे, वह जब अपने घर को लौट रहे हैं तो उनको निशाना बनाकर फिर उन पर हमला किया जा रहा है। इस दौरान इन लोगों को पेड़ या खम्बों से बांधकर पहले पिटाई की जा रही है और माफ़ी के साथ हजारों रुपयों का आर्थिक दंड दिया जा रहा। ऐसा करने वाले को ही उनको अपने घरों में प्रवेश करने दिया जा रहा है।
पश्चिम बंगाल के इतिहास पर नज़र डालें तो चुनाव के दौरान व चुनाव के बाद राजनीतिक हत्याएं होना यहां की राजनीति का एक प्रमुख हिस्सा बनाया गया है। साल, 2016 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 10.7 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 3 सीटें मिली थीं। तब से तृणमूल कांग्रेस के गुंडों द्वारा भाजपा के कार्यकर्ताओं व समर्थकों की हत्याएं की जा रही हैं। चाहें 2018 का पंचायत चुनाव हो या 2019 का लोकसभा चुनाव। इनमें 138 से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ताओं की राजनीतिक हत्या तृणमूल कांग्रेस के गुंडों द्वारा की गयीं। भाजपा के बिष्णुपुर से सांसद सौमित्र खान ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा है कि अभी तक 44 भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या की गयी हैं। यह वह आंकड़ा है जो भाजपा की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी हुआ है। लेकिन स्थानीय लोगों से बातचीत में यह बात सामने आती है कि 100 से ज्यादा हत्याएं हुई हैं और इससे अधिक मामले ऐसे भी हैं जहां न केवल महिलाओं पर अत्याचार किएए, बल्कि दुराचार तक की घटनाओं को अंजाम दिया गया है। इस सबके अलावा विभिन्न जगहों पर हिन्दुओं की करोड़ों रुपए की संपत्ति, उनकी दुकान—मकान और प्रतिष्ठान को तहस—नहस किया गया है। इस सबसे डरकर हजारों लोग अपने घरों से पलायन करने को मजबूर हुए। इस सबमें गौर करने वाली बात यह है कि जो पुलिस आम लोगों को संरक्षण देने के लिए होती है, वही अराजक तत्वों का साथ दे रही है। ऐसे में पीड़ित परिवार के लोग पुलिस में शिकायत तक दर्ज नहीं करवा पा रहे।
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