दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की 'घर-घर राशन वितरण योजना' को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को जुमला करार दिया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल घर-घर राशन पहुंचाने की बात कर रहे हैं, जबकि वे दिल्ली के लोगों को ऑक्सीजन देने में भी नाकाम रहे। साथ ही, दिल्ली सरकार पर राशन माफिया के नियंत्रण में काम करने का आरोप लगाया।
केजरीवाल पर निशाना साधते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘‘केजरीवाल राशन की होम डिलीवरी की क्या बात कर रहे हैं, जबकि वह दिल्ली के लोगों को ऑक्सीजन देने में भी नाकाम रहे।’’ उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री से पूछा, ‘‘केंद्र की ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ योजना को राष्ट्रीय राजधानी में लागू क्यों नहीं किया गया। अरविंद केजरीवाल जी हर घर में राशन पहुंचाने की बात कर रहे हैं। वह ऑक्सीजन नहीं पहुंचा सके, मोहल्ला क्लीनिक से दवा नहीं पहुंचा सके। घर तक राशन पहुंचाना भी एक जुमला है। दिल्ली सरकार राशन माफिया के कब्जे में है। अरविंद केजरीवाल जी जवाब दें कि दिल्ली में ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ क्यों लागू नहीं किया गया? समस्या क्या है?’’
प्रसाद ने आरोप लगाया, ‘‘दिल्ली की राशन की दुकानों में अप्रैल 2018 से अब तक पीओएस मशीनों का प्रमाणीकरण शुरू क्यों नहीं हुआ? अरविंद केजरीवाल जी को एससी/एसटी वर्ग की चिंता नहीं है। उन्हें प्रवासी मजदूरों और गरीबों की भी चिंता नहीं है।’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार पूरे देश में दो रुपये प्रति किलो गेहूं और तीन रुपये प्रति किलो चावल उपलब्ध कराती है। चावल की कीमत 37 रुपये प्रति किलो और गेहूं की कीमत 27 रुपये प्रति किलो है। भारत सरकार सब्सिडी देकर राशन की दुकानों के माध्यम से वितरण के लिए राज्यों को खाद्यान्न देती है। केंद्र सरकार इस पर सालाना करीब 2 लाख करोड़ रुपये खर्च करती है।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत पिछले साल की तरह इस बार भी नवंबर तक गरीबों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है। ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है। यह योजना देश के 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रही है। इस पर अब तक 28 करोड़ पोर्टेबल ट्रांजेक्शन हो चुके हैं।’’
बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर राष्ट्रीय राजधानी में घर-घर राशन वितरण योजना को लागू करने की अनुमति देने का आग्रह किया था। उन्होंने यहां तक कहा था कि केंद्र सरकार इसमें जो भी संशोधन करना चाहती है, उसके लिए वे तैयार हैं। उन्होंने लिखा था, ‘‘मैं आपसे दिल्ली के 70 लाख गरीब लोगों की ओर से हाथ जोड़कर निवेदन करता हूं, सर, कृपया इस योजना को बंद न करें।” इससे पूर्व योजना शुरू करने के दो दिन पहले ही केंद्र द्वारा रोक लगाने लगाने पर केजरीवाल सरकार ने कहा था कि अगर यह घर-घर राशन योजना लागू की जाती, तो राशन माफिया खत्म हो जाते। इनके तार ऊपर तक जुड़े हुए हैं। यह पहला अवसर है, जब किसी सरकार ने राशन माफिया के खिलाफ खड़े होने का साहस किया है।
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