उत्तराखंड कैबिनेट ने ‘मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना’ को मंजूरी दे दी है। इसके तहत कोरोना महामारी से माता-पिता या परिवार के कमाऊ सदस्य को गंवाने वाले बच्चों को आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके अलावा, राज्य कैबिनेट ने कई अन्य महत्वपूर्ण फैसले भी लिए हैं।
उत्तराखंड सरकार ने ‘मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना’ योजना को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया। इस योजना का उद्देश्य उन बच्चों की सहायता करना है, जिन्होंने अपने माता-पिता या अपने परिवार के कमाने वाले सदस्य को कोविड-19 महामारी के दौरान खो दिया है। योजना के तहत ऐसे बच्चों को प्रतिमाह 3,000 रुपये दिए जाएंगे।
आर्थिक सहायता के अलावा, ऐसे बच्चों को राज्य सरकार 21 साल की उम्र तक मुफ्त शिक्षा, राशन और स्वास्थ्य सुविधाएं भी देगी। अन्य बड़े फैसलों में, कैबिनेट ने पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों के लिए मुआवजे की मंजूरी दे दी है, महामारी से जिनकी आजीविका प्रभावित हुई है। राज्य सरकार टूर गाइड, ऑपरेटरों और पंजीकृत राफ्टिंग गाइडों को दो माह तक 2,500 रुपये देगी। राज्य मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अति सूक्ष्म (नैनो उद्योग) को भी मंजूरी दी है। इसका उद्देश्य छोटे पैमाने पर लोगों को काम करने के लिए प्रोत्साहित करना है। योजना के तहत, राज्य सरकार 20,000 लोगों को 5,000 रुपये की सब्सिडी देगी, जो 10,000-15,000 रुपये से काम करना चाहते हैं।
साथ ही, कैबिनेट ने केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य के लिए गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) को तोड़फोड़ करने और बद्रीनाथ में बाढ़ प्रबंधन के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है। हरिद्वार में होटल अलकनंदा में पुनर्निर्माण कार्य के लिए 49 लाख रुपये भी माफ कर दिए। इसके अलावा, शिल्पकार प्रोत्साहन योजना को पांच साल के लिए बढ़ाने के साथ कैबिनेट ने उधम सिंह नगर में प्रस्तावित अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे के लिए एक न्यास स्थापित करने का भी निर्णय लिया। परियोजना के लिए 1,000 एकड़ जमीन आवंटित की जाएगी।
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