संजीव कुमार
मस्जिद और मदरसों में लगातार हो रहे बम विस्फोट सवाल खड़ा कर रहे हैं कि ये 'इबादतगाह' हैं या बम बनाने के कारखाने
मस्जिद और मदरसों के अंदर चल रही अवैध गतिविधियों के समाचार तो आते हैं, लेकिन राज्य सरकार कभी मस्जिद और मदरसों की तलाशी लेने की हिम्मत नहीं जुटा पाती। कई मदरसे तालिबानी शिक्षा को प्रोत्साहित करते हैं। कई मस्जिदों में अवैध हथियारों का जखीरा जमा रहता है। मस्जिदों के अंदर से पत्थरबाजी होती है। लेकिन, शासन—प्रशासन सब जानते हुए भी मूक ही बना रहता। अगर प्रशासन द्वारा समय पर कार्रवाई न हो तो बांका जैसी घटना घटती है। 8 जून को बांका के नवटोलिया गांव स्थित धमाके में मदरसा जमींदोज हो गया और मदरसा के इमाम की मृत्यु हो गई।
बांका के नवटोलिया गांव के मस्जिद परिसर में 8 जून को भयंकर विस्फोट हुआ था। इसकी तीव्रता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि विस्फोट की वजह से मस्जिद परिसर में स्थित मदरसा पूरी तरह ध्वस्त हो गया। विस्फोट के बाद घटना स्थल के आस-पास उठे धुंए के गुब्बार से बिल्कुल अंधेरा हो गया। इसकी गूंज दूर तक सुनाई दी। पहले तो इसे गैस सिलेंडर से हुआ विस्फोट बता कर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की गई। लेकिन, एफएसएल की टीम जब घटना स्थल पर पहुंची तो मालूम हुआ कि अवशेष में बारूद का अंश है। हालांकि अभी इसकी विस्तृत रिपोर्ट आनी बाकी है। इस घटना में मदरसा के इमाम अब्दुल मोबिन की मौत हो गई साथ ही 6 से अधिक लोग घायल भी हुए। लेकिन घायलों के बारे में जानकारी नहीं मिल रही है।
बांका जिला मुख्यालय स्थित चांदन नदी के दूसरी ओर सदर थाना क्षेत्र में नवटोलिया गांव है। इस गांव के बीच एक बड़ी मस्जिद है। मस्जिद परिसर के सामने वाले हिस्से में मदरसा चलता है। इसी मदरसे में विस्फोट हुआ। विस्फोट के बाद मस्जिद और मदरसे से जुड़े लोग फरार हो गये। इतना ही नहीं परिसर से जुड़े गांव के भी पुरुष घटना के बाद गायब हैं। धमाका इतना तेज था कि मस्जिद पूरी तरह से ध्वस्त हो गई। भवन का एक हिस्सा सड़क के दूसरे किनारे जाकर गिरा। घटना के बाद चमरेली और मजलिशपुर गांव के कुछ लोग दौड़कर घटना स्थल पहुंचे लेकिन, कुछ लोगों ने घटना स्थल की घेराबंदी कर रखी थी। पड़ोसी गांव के ग्रामीणों के अनुसार जब उन्होंने नवटोलिया गांव में एकसाथ कई बम फटने की आवाज सुनी तो वे लोग घटना स्थल की ओर दौड़ पड़े।
घटना की सूचना मिलते ही बांका एसडीपीओ डीसी श्रीवास्तव, बांका थानाध्यक्ष शंभू यादव सहित भारी संख्या में पुलिस बल पहुंचा0। मामले की जांच के लिए डाॅग स्क्वायड और एफएसएल की टीम भी पहुंची। बांका के एसपी अरविंद कुमार गुप्ता इस मामले को विस्फोट से जुड़ा बताते हैं। भागलपुर से आई एसएफएलसी टीम ने विस्फोट के कई नमूने जमा किये हैं। रिपोर्ट आने पर ही यह स्पष्ट हो पायेगा कि विस्फोट में किस पदार्थ का इस्तेमाल हुआ था। एसपी ने जांच के लिए एसडीपीओ के नेतृत्व में एक स्पेशल टीम गठित कर दी।
गौरतलब है कि मस्जिद का पिछला इतिहास काफी संदिग्ध रहा है। चानन नदी से सटे नवटोलिया गांव है। उसके बाद चमरैली, फिर मजलिसपुर गांव है। चानन नदी पार करने को लेकर अक्सर नवटोलिया और मजलिशपुर के लोगों के बीच झड़प होती है। गत विधानसभा चुनाव में इस मस्जिद से पत्थर और बम से हमला करने की भी बात कुछ ग्रामीण बताते हैं। बुल्ला यादव की हत्या की साजिश रचने में मस्जिद के लोगों की अहम भूमिका थी।
विस्फोट के बाद भाजपा के विधायक हरिभूषण ठाकुर उर्फ बचैल ने घटना की विस्तृत जांच की मांग की है। उन्होंने बिहार के सभी मदरसों और मस्जिदों को बंद करने की भी मांग की है। उनका आरोप है कि बिहार के मदरसों और मस्जिदों में आतंकवाद की शिक्षा दी जाती है। यहां से तमाम तरह की अवैध गतिविधियों का संचालन होता है। मदरसों के अंदर पढ़ाई करके कोई डाॅक्टर, इंजीनियर बने न बने लेकिन आतंकवादी जरूर बन जाता है। ऐसी परिस्थिति में बिहार के सभी मदरसों और मस्जिदों की जांच होनी चाहिए
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