दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल घर-घर राशन योजना शुरू करने के लिए बेचैन हैं। दो दिन पहले तक केंद्र को भला-बुरा कहने वाले केजरीवाल अब प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर योजना लागू करने की मिन्नत कर रहे हैं। कह रहे हैं कि उन्होंने जिस तरह प्रधानमंत्री का समर्थन किया, प्रधानमंत्री को भी उनका समर्थन करना चाहिए।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बात-बात पर पलटी मारने के लिए प्रसिद्ध हैं। ‘घर-घर राशन योजना’ को लेकर दो दिन पहले ही उन्होंने केंद्र सरकार को भला-बुरा कहा था, लेकिन मंगलवार को वह याचक की भूमिका में आ गए। दरअसल, केजरीवाल घर-घर राशन वितरण योजना को लागू करवाने के लिए बेचैन हैं। इसलिए वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से योजना को लागू करने की अनुमति देने की याचना कर रह हैं।
इस योजना को राष्ट्रीय राजधानी में लागू करने की मंजूरी देने की मांग करते हुए केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा है, ‘‘आज तक मैंने राष्ट्रहित के सभी कार्यों में आपका समर्थन किया है। इसलिए आपको भी हमारा समर्थन करना चाहिए। कोविड के दौरान पूरे देश में इस योजना (घर-घर राशन योजना) को लागू किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार इस योजना में जो भी संशोधन करना चाहती है, हम करने के लिए तैयार हैं। मैं आपसे दिल्ली के 70 लाख गरीब लोगों की ओर से हाथ जोड़कर अनुरोध करता हूं, महोदय, कृपया इस योजना को बंद न करें।’’
प्रेस कांफ्रेंस कर केंद्र को कोसा
इससे पहले रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने केंद्र सरकार की आलोचना की थी। केजरीवाल का कहना था कि उनकी तरफ से योजना शुरू करने को लेकर पूरी तैयारी की जा चुकी थी। लेकिन केंद्र ने इस पर रोक लगा दी। उन्होंने पांच बार इस बारे में केंद्र सरकार को पत्र लिखा। इसके बावजूद इस योजना पर रोक क्यों लगाई गई? केंद्र सरकार पर हल्ला बोलने के लिए उन्होंने बाकायदा प्रेस वार्ता बुलाई थी, जिसमें उन्होंने कहा था, ‘‘‘घर-घर राशन वितरण योजना’ शुरू करने से केवल दो दिन पहले केंद्र सरकार ने इस पर रोक लगा दी। उनकी तरफ से योजना को लेकर पूरी तैयारी थी। अगर घर-घर राशन योजना लागू की जाती, तो राशन माफिया पर रोक लग जाती। राशन माफिया के तार ऊपर तक जुड़े हुए हैं। यह पहली बार है जब किसी सरकार ने राशन माफिया के खिलाफ खड़े होने का साहस किया है।’’
केंद्र ने आपत्ति की तो नाम बदल दिया
केजरीवाल ने इस योजना को मूल रूप से ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना’ (MMGGRY) नाम दिया था। लेकिन 9 मार्च को केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी की थी। इसमें कहा गया था कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत विभाग द्वारा वितरण के लिए सब्सिडी वाले खाद्यान्न आवंटित किए जा रहे हैं। इसे एनएफएसए के अलावा किसी भी राज्य-विशिष्ट या अन्य योजना के तहत दूसरे नाम से खाद्यान्न का वितरण नहीं किया जा सकता है। इसके बाद दिल्ली सरकार ने अपनी योजना का नाम बदल कर ‘घर-घर राशन योजना’ कर दिया।
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