पीएनबी से 13,500 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा कर फरार हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी भारत में प्रत्यर्पण के बचने के लिए कानूनी दांव-पेच का सहारा ले रहा है। भगोड़े को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे से मश्विरा कर रही है। इस मामले में डोमिनिका उच्च न्यायालय में भारत अपना पक्ष रख सकता है।
पंजाब नेशनल बैंक का 13,500 हजारों करोड़ रुपये लेकर भागा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी कानूनी दांव-पेच के सहारे बचने की कोशिश कर रहा है। डोमिनिका में अवैध प्रवेश को लेकर उसके खिलाफ वहां के उच्च न्यायालय में सुनवाई चल रही है। भगोड़े चोकसी को वापस लाने के लिए भारत सरकार डोमिनिका के उच्च न्यायालय में अपना पक्ष रख सकती है। इसके लिए सरकार वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे से विचार-विमर्श कर रही है। इस बीच, डोमिनिका के प्रधानमंत्री रूजवेल्ट स्केरिट ने चोकसी को ‘भारतीय नागरिक’ करार देते हुए कहा है कि भगोड़े के भविष्य का फैसला अदालत करेगी।
हरीश साल्वे से केंद्र कर रहा विमर्श
हरीश साल्वे ने सोमवार को कहा था कि मेहुल चोकसी मामले में क्या कदम उठाया जा सकता है, इस पर भारत सरकार से विमर्श चल रहा है। डोमिनिका की अदालत में भारत सरकार का कोई प्रतिनिधित्व नहीं कर रहा है, भारत सरकार केवल डोमिनिका प्रशासन की मदद कर रही है। उन्होंने कहा, अगर अदालत में भारत को अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाता है और वहां के अटॉर्नी जनरल अपनी अदालत में मुझे पक्ष रखने की अनुमति देंगे तो मैं भारत का प्रतिनिधित्व करूंगा। बता दें कि हरीश साल्वे ब्रिटिश महारानी एलिजाबेथ के कानूनी सलाहकार हैं और पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय अदालत में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
भगोड़े के भाग्य का फैसला अदालत पर छोड़ा
उधर, डोमिनिका के प्रधानमंत्री रूजवेल्ट स्केरिट ने भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी को ‘भारतीय नागरिक’ करार देते हुए उसकी किस्मत का फैसला अदालत पर छोड़ दिया है। फिलहाल चोकसी को तत्काल भारत भेजने के मामले में अदालत से अंतरिम राहत मिल गई है। इससे पूर्व अदालत उसकी नजरबंदी मामले को खारिज कर चुकी है। स्थानीय खबरों के मुताबिक, डोमिनिका के प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारतीय नागरिक चोकसी का मामला अदालत में है और हम इसे चलने देते हैं।’’ भारत में प्रत्यर्पण से बचने के लिए चोकसी 23 मई की रात को खाने के लिए बाहर निकला और उसके बाद एंटीगुआ व बरमुडा से भाग गया था। इसके बाद डोमिनिका में पकड़ा गया। डोमिनिका पुलिस ने उस पर देश में अवैध रूप प्रवेश करने का मामला दर्ज किया है, जिस पर अदालत में सुनवाई चल रही है।
प्रत्यर्पण से बचने के लिए भागा
चोकसी इसलिए एंटीगुआ और बरमुडा से भागा, क्योंकि उसे पता चल गया था कि अगर वह रुका तो उसे भारत प्रत्यर्पित कर दिया जाएगा। उसके पास एंटीगुआ की नागरिकता थी। वह भागकर क्यूबा जाना चाहता था, इसी चक्कर में डोमिनिका में दबोच लिया गया। लेकिन अवैध रूप से डोमिनिका में पकड़े जाने पर उसने अपने अपहरण की कहानी गढ़ी। उसने यह सोचकर ऐसा किया कि अगर जांच हुई तो अपहरण की कहानी सबके सामने आएगी और इस आधार पर कानूनी लड़ाई में उसे फायदा होगा। अपहरण की कहानी उसने अपने वकीलों की सलाह पर परिवार के सदस्यों की मदद से गढ़ी। एक एजेंट ने भागने में उसकी मदद की थी, जिसके साथ चोकसी की तस्वीर भी मीडिया में आई थी। लेकिन चोकसी के एंटीगुआ के एक मित्र गोविन ने उसकी पोल खोल दी। चोकसी के पास एंटीगुआ के अलावा एक और कैरेबियाई देश की नागरिकता है।
-web desk
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