पश्चिम बंगाल स्थित बैरकपुर शिलापंचल के भाटपाड़ा में 6 जून को दिनदहाड़े भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ता की बम फेंककर हत्या कर दी गई। हत्या का आरोप तृणमूल कांग्रेस के गुंडों पर है।
जानकारी के लिए बता दें कि भाटपाड़ा वह क्षेत्र है जो लोकसभा चुनाव के बाद से सबसे ज्यादा हिंसा ग्रस्त रहा है। रही सही कसर 2 मई को विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद पूरी होती दिख रही है। इसके बाद से तो पूरे प्रदेश में हर दिन तृणमूल कांग्रेस के गुंडों द्वारा मारपीट, आगजनी, बमबारी व लूटपाट की घटनाएं की जा रही हैं। लेकिन स्थानीय पुलिस मूक बनकर न केवल सब देख रही है बल्कि उसका संरक्षण इन गुंडों को मिला हुआ है। इसका ताजा उदाहरण भाटपाड़ा में भाजपा कार्यकर्ता जय प्रकाश यादव की हत्या है, जिन्हें तृणमूल के गुंडों ने बम से उड़ा दिया।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में विधान सभा चुनाव के बाद से “प्रतिशोधात्मक हिंसा” का दौर जारी है। खबरों की मानें तो अभी तक 60 से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या की जा चुकी हैं तो वहीं लाखों—करोड़ों की संपत्ति को नष्ट किया गया है। चुनाव के दौरान व बाद में राजनीतिक हत्याओं का दौर रुकने का नाम नहीं ले रहा है, क्योंकि 2011 से सत्ता में आई तृणमूल कांग्रेस सरकार का तृणमूल कांग्रेस के गुंडों को परोक्ष समर्थन मिला हुआ है। यही कारण है कि भाजपा के कार्यकर्ताओं को चुन चुनकर मारा जा रहा रहा है। उनके घरों को बम से उड़ा दिया जा रहा है। हिन्दुओं के गांव के गांव को जलाकर राख कर दिया गया है। राज्य के कई इलाकों की स्थिति बड़ी भयावह है। इस सबसे डरकर हजारों हिन्दुओं ने असम, झारखण्ड, बिहार व ओडिशा में शरण ली हुई है।
नहीं उठाए जा रहे कारगर कदम
प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति यह है कि आज तक हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय शासन—प्रशासन की तरफ से कोई कारगर कदम नहीं उठाये गए हैं। उल्टे ऐसे मामलों को आपसी रंजिश दिखाकर रफादफा करने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं प्रदेश के राज्यपाल जगदीप धनकड़ ने ऐसी घटनाओं पर गहरा क्षोभ प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि मैंने अपने जीवन में ऐसा कृत्य नहीं देखा है, जहां पर चुनी हुई सरकार द्वारा जिन्होंने तृणमूल कांग्रेस के विरुद्ध वोट दिया है, वे लक्षित हिंसा से पीड़ित हैं। पूरा प्रदेश प्रतिशोधात्मक हिंसा से पीड़ित है।” राज्यपाल ने ट्वीट करके कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था जैसी कोई चीज नहीं है और राज्य पुलिस राजनीतिक विरोधियों से बदला लेने के लिए सत्ताधारी व्यवस्था के विस्तार के तौर पर कार्य कर रही है।
डॉ अम्बा शंकर बाजपेयी
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