माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। इसने शनिवार को पहले देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के निजी ट्विटर हैंडल से नीले सत्यापित बैज को हटा दिया, फिर उसे बहाल कर दिया। इसके बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के साथ-साथ संगठन के कई अन्य पदाधिकारियों के निजी अकाउंट से भी नीला सत्यापित बैज हटा दिया। इसे लेकर सोशल मीडिया पर हंगामा मचा हुआ है। नए आईटी नियमों को लेकर केंद्र सरकार ने ट्विटर को आखिरी चेतावनी भी दी है।
माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। इसने शनिवार को पहले देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के निजी ट्विटर हैंडल से नीले सत्यापित बैज को हटा दिया, फिर उसे बहाल कर दिया। इसके बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के साथ-साथ संगठन के कई अन्य पदाधिकारियों के निजी अकाउंट से भी नीला सत्यापित बैज हटा दिया। इसे लेकर सोशल मीडिया पर हंगामा मचा हुआ है। नए आईटी नियमों को लेकर केंद्र सरकार ने ट्विटर को आखिरी चेतावनी भी दी है।
टि्वटर ने आज सुबह भारत के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू @MVenkaiahNaidu के निजी ट्विटर हैंडल से नीला बैज हटा दिया था, जिनके 13 लाख फॉलोवर्स हैं। उपराष्ट्रपति के एक अधिकारी ने कहा, “वेंकैया नायडू का व्यक्तिगत खाता छह महीने से निष्क्रिय था और नीला बैज चला गया है।” हालांकि बाद में ट्विटर ने सुधारात्मक कार्रवाई करते हुए नीले सत्यापित बैज को बहाल कर दिया और सफाई दी। इसके कुछ समय बाद ही ट्विटर ने सरसंघचालक मोहन भागवत सहित संगठन के कई अन्य अधिकारियों के निजी अकाउंट से नीला बैज हटा दिया, जिनके अकाउंट को 2019 में इसने सत्यापित किया था। इसके अलावा, ट्विटर ने संघ के जिन अधिकारियों के ट्विटर हैंडल से नीले बैज हटाए हैं, उनमें गोपाल कृष्ण, अरुण कुमार, सुरेश सोनी और सुरेश बी जोशी आदि प्रमुख अधिकारी शामिल हैं। संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता राजीव तुली ने ट्विटर की इस हरकत की पुष्टि की है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘ट्विटर ने संघ के कई पदाधिकारियों के अकाउंट से सत्यापन चिह्न हटा दिए हैं। हमने इस संबंध में ट्विटर से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उधर से किसी ने जवाब नहीं दिया।’
… तो बंद हो सकता है ट्विटर!
ट्विटर की इन हरकतों पर इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आखिरी चेतावनी देते हुए चिट्ठी लिखी है कि अगर उसे नए आईटी कानून के हिसाब से अपने अधिकारियों के बारे में जानकारी नहीं दी तो उसे अंतरिम तौर पर दी गई छूट वापस ली जा सकती है। इस स्थिति में सरकार ट्विटर को बंद भी कर सकती है। पत्र में मंत्रालय ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि 26 जून तक सोशल मीडिया कंपनी को अपने अधिकारियों का ब्योरा देना था, जो अब तक नहीं मिला है। ट्विटर इंडिया का जो पता दिया दिया है, वह एक लॉ फर्म का है। यह नियम विरुद्ध है।
नाइजीरिया ने लगाई पाबंदी
ट्विटर की स्वघोषित नीतियों के खिलाफ ऐसा नहीं है कि केवल भारत में हंगामा मचा हुआ है। दुनिया के कुछ चुनिंदा देशों में यह मनमानी कर रहा है, संप्रभु देश के स्वाभिमान को चुनौती देने दुस्साहस कर रहा है। कुछ दिन पहले इसने नाइजीरिया के राष्ट्रपति मोहम्मदु बुखारी ने देश में गृहयुद्ध का जिक्र करते हुए अपने विरोधियों पर निशाना साधा था। उन्होंने लिखा था कि आज जो खराब व्यवहार कर रहे हैं, उन्हें उसी भाषा में समझाया जाना चाहिए, जो वे समझते हैं। ट्विटर ने अपने नियमों के विरुद्ध बताते हुए इस ट्वीट को 1 जून को हटा दिया था। इसके बाद नाइजीरिया सरकार और ट्विटर में ठन गई। नतीजा, नाइजीरिया ने अनिश्चितकाल के लिए ट्विटर पर पाबंदी लगा दी। इससे पहले ट्विटर ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके अकाउंट को निलंबित कर दिया था। नाइजीरिया सरकार का कहना है कि ट्विटर दोहरा मापदंड अपना रही है। देश के कॉरपोरेट अस्तित्व को चोट पहुंचाने के लिए इस सोशल मीडिया मंच का इस्तेमाल किया जा रहा था। भारत में भी ट्विटर इसी तरह की दोहरी नीति अपना रहा है।
ट्विटर की सफाई
उपराष्ट्रपति के ट्विटर हैंडल पर नीला बैज बहाल करने के बाद अपनी सफाई में इसने कहा कि चूंकि अकाउंट जुलाई 2020 से निष्क्रिय था, इसलिए ट्विटर सत्यापन नीति के अनुसार, यदि अकाउंट निष्क्रिय है या अधूरा है तो इस स्थिति में सोशल मीडिया मंच नीले सत्यापित बैज को हटा सकता है और सत्यापित कर सकता है। यह सूचित किया जाता है कि सत्यापित बैज अब बहाल कर दिया गया है। इसने आगे बताया कि निष्क्रियता लॉग इन पर आधारित है। इसलिए अकांउट को सक्रिय रखने के लिए उपयोगकर्ता को कम से कम हर छह महीने में लॉग इन करना सुनिश्चित करना चाहिए।
लोगों ने ट्विटर को घेरा
इस पर कई उपयोगकर्ताओं ने कुछ ट्विटर अकाउंट के स्क्रीनशॉट डालते हुए पूछा कि ये अकाउंट एक साल से भी अधिक समय से निष्क्रिय हैं, फिर भी इनका नीला बैज क्यों नहीं हटाया? इस बीच, भाजपा मुंबई के प्रवक्ता सुरेश नखुआ ने उपराष्ट्रपति के ट्विटर हैंडल से नीले बैज को हटाने पर ट्विटर पर सवाल उठाया और इसे ‘भारत के संविधान पर हमला’ करार दिया। नखुआ ने ट्वीट किया, “@Twitter @TwitterIndia ने भारत के उपराष्ट्रपति श्री @MVenkaiahNaidu जी के हैंडल से ब्लू टिक क्यों हटाया? यह भारत के संविधान पर हमला है।”
नीले बैज का मतलब
ट्विटर के अनुसार, नीला सत्यापित बैज लोगों को यह बताता है कि जनहित का अकाउंट प्रामाणिक है। नीला बैज प्राप्त करने के लिए अकाउंट प्रामाणिक, उल्लेखनीय और सक्रिय होना चाहिए। ट्विटर का कहना है कि अगर कोई उपयोगकर्ता अपना नाम (@handle) बदलता है या कोई खाता निष्क्रिय या अधूरा रहता है या जिसका अकाउंट है वह उस पद पर नहीं रहा जिसके लिए शुरू में उसे सत्यापित किया गया था और पद छोड़ने के बाद सत्यापन के मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं तो नीला सत्यापित बैज हटा दिया जाता है।
टिप्पणियाँ