लंबे समय बाद हरियाणा के मुस्लिम—बहुल क्षेत्र मेवात में हिंदुओं का मनोबल बढ़ाने वाली एक महापंचायत इन्दरी गांव में हुई। इसमें लगभग 30,000 हिंदुओं की उपस्थिति में तय किया गया कि मेवात के हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचारों के विरुद्ध जनजागरण किया जाएगा।
गत दिनों हरियाणा के मुस्लिम—बहुल क्षेत्र मेवात के इन्दरी मेें हिंदू समाज की एक महापंचायत हुई। इसमें फरीदाबाद, पलवल, सोहना, नूंह, अलवर, गाजियाबाद, मुजफ्फनगर, नोएडा, गुरुग्राम, रेवाड़ी, मथुरा आदि जगहों से लगभग 30,000 हिंदू शामिल हुए। महापंचायत में मेवात में हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचारों को लेकर चर्चा हुई। इससे मेवात के हिंदुओं को लगने लगा है कि अब उनकी चिंता मेवात के बाहर के हिंदू भी करने लगे हैं।
यह महापंचायत खेड़ा खलीलपुर गांव के एक बदमाश आसिफ के बाद पुलिस द्वारा कुछ हिंदू युवकों की गिरफ्तारी और कुछ अन्य निर्दोषों के साथ हो रहे अन्याय को लेकर हुई थी। महापंचायत में पलवल जिले के सौंध गांव के चौधरी अरुण सिंह जेलदार की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई और निर्णय लिया गया कि मेवात के हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचारों पर हिंदू समाज चुप नहीं बैठेगा। बाद में समिति के कुछ सदस्यों ने मेवात के पुलिस अधीक्षक से मिलकर मांग की कि आसिफ की हत्या की आड़ में हिंदुओं को तंग न किया जाए। यह भी कहा गया कि आसिफ कुख्यात बदमाश था। उस पर हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में चोरी, डकैती, लूटपाट, छेड़छाड़ जैसे अनेक गंभीर मामले हैं। समिति के सदस्य और समाजसेवी जसवन्त ने बताया कि महापंचायत के बाद इनेलो, कांग्रेस आदि राजनीतिक दलों के नेताओं के सुर भी मेवात की घटनाओं को लेकर बदल गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इससे पहले जब भी मेवात में किसी हिंदू के साथ अत्याचार होता था, तो इन दलों के नेता उसे कोई महत्व नहीं देते थे। वे मुस्लिम वोट बैंक के लिए चुप रहते थे।
इससे पहले नूंह में गत 17 मई को कोरोना के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बड़ी संख्या में कट्टरवादी जमा हुए थे और आसिफ को मॉब लिचिंग का शिकार बताकर हंगामा किया था। उन्होंने जिला मुख्यालय नूंह की मुख्य सड़क को बंद कर दिया था। जब पुलिस उन्हें हटाने पहुंची थी तो स्थानीय विधायक आफताब अहमद के सामने ही मुसलमान युवा उन पर पत्थर फेंकने लगे थे। पुन्हाना के विधायक चौधरी मोहम्मद इलियास खान और उनके बेटे चौधरी जावेद खान ने मेवात के मुसलमानों को भड़काने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। इन दोनों ने एक रेखाचित्र ट्वीट कर आग में घी डालने का ही काम किया था। इसमें दिखाया गया था कि कुछ तिलकधारी लोग एक व्यक्ति को पेड़ से बांधकर उससे कह रहे हैं कि जय श्रीराम बोलो और जब वह नहीं बोलता है तो उसकी पिटाई की जाती है।
उल्लेखनीय है कि गत 16 मई को खेड़ा खलीलपुर गांव में आसिफ की हत्या हुई थी। आसिफ ने कुछ समय पहले खेड़ा गांव की कुछ हिंदू लड़कियों का उस समय अश्लील वीडियो बना लिया था, जब वे लोग स्कूल के किसी कार्यक्रम के दौरान वस्त्र बदल रही थीं। इसके बाद वह उन लड़कियों का भयादोहन करता था। इस बात पर उन लड़कियों के घर वालों और आसिफ के बीच कई बार झड़प भी हुई थी। गांव के कई लोगों पर आसिफ ने हमले भी किए थे। बताया जा रहा है कि 16 मई को भी कुछ ऐसा ही हुआ, जिसमें आसिफ की मौत हो गई थी।
—वेब डेस्क
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