डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती का आरोप है कि दो मुस्लिम युवक अपनी पहचान बदल कर मंदिर के अंदर दाखिल हुए. ये दोनों उनकी हत्या करने के इरादे से मंदिर परिसर में दाखिल हुए थे. जिस समय दोनों युवक मंदिर के अन्दर प्रवेश किये उस समय महंत यति नरसिंहानन्द एक टी.वी. चैनल के कार्यक्रम से लाइव जुड़े हुए थे.
पुलिस दोनों युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. हत्या का शक इसलिए भी होना स्वाभाविक है कि एंट्री रजिस्टर में कासिफ ने अपना नाम काशी गुप्ता और दूसरे युवक ने डा. विजय वर्गीय निवासी नागपुर लिखा. मंदिर परिसर में प्रवेश करने के बाद जब दोनों युवकों की गहन तलाशी ली गई तब सर्जिकल ब्लेड और दवाइयां बरामद हुईं. उसके बाद इन दोनों युवकों को पुलिस के हवाले किया गया. पुलिस ने जब पूछताछ की तब दोनों ने अपनी असली पहचान बताया. काशी गुप्ता का असली नाम कासिफ है और दूसरा युवक उसका जीजा है. मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद का कहना है कि “कुछ आतंकी संगठन मेरी हत्या कराने का षड्यंत्र रच रहे हैं. अभी कुछ दिन पूर्व दिल्ली पुलिस ने एक अपराधी को गिरफ्तार किया था. उसने पुलिस के सामने बयान दिया कि वह मेरी हत्या करने की साजिश रच रहा था. इसके लिए एक आतंकी ने उसे सुपारी दी थी.”
इस मामले में पुलिस का कहना है कि देवी मंदिर के सेवादारों के द्वारा सूचना दी गई कि दो संदिग्ध युवक मंदिर में पकड़े गए हैं. मौके पर पहुंच कर पुलिस ने दोनों युवकों को हिरासत में लिया. गहन पूछताछ की जा रही है. बता दें कि गत 17 मई को दिल्ली पुलिस ने जान मोहम्मद डार उर्फ जहांगीर को पहाड़गंज के एक होटल से गिरफ्तार किया था. उसके कब्जे से भगवा कपड़े, पूजा-पाठ की सामग्री, एक पिस्टल और कारतूस बरामद हुए थे. उसने पुलिस को बताया था कि जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी आबिद जो पाकिस्तान में रहता है. उसने हत्या की सुपारी दी थी.
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