राजस्थान की कांग्रेस सरकार पूरी तरह मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है। गत 31 मई को कोरोना के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए एक जनाजा निकाला गया, जिसमें लगभग 15,000 लोगों ने भाग लिया, लेकिन पुलिस ने उन्हें नहीं रोका। वहीं दूसरी ओर कोरोना नियमों की आड़ में कई मंदिरों में लाउडस्पीकर बजाना बंद कर दिया गया है, जबकि मस्जिदों में पांचों वक्त की नमाज हो रही है और वह भी तेज आवाज में
राजस्थान में कथित रूप से कोरोना के नियमों का पालन न करने पर हिंदुओं को बुरी तरह पीटा जा रहा है, वहीं किसी जनाजे में शामिल हजारों लोगों को इसलिए छूट दे दी जाती है कि वे मुसलमान हैं। इस मामले में जब सरकार की नीति पर अंगुली उठती है, तो खानापूर्ति के लिए कुछ लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जाती है। उल्लेखनीय है कि जयपुर के रामगंज में हाजी रफत अहमद नामक एक व्यक्ति की हृदयाघात से मौत हो गई। उनका जनाजा 31 मई को निकाला गया, जिसमें लगभग 15,000 लोग शामिल हुए। इनमें से ज्यादातर लोगों ने मास्क भी नहीं लगाया था। सामाजिक दूरी का तो कोई मतलब ही नहीं रह गया था। आश्चर्य की बात तो यह रही कि जनाजे में शामिल लोगों की सुरक्षा के लिए पुलिस वालों को तैनात किया गया।
इस भीड़ में आम लोग ही नहीं, जयपुर के आदर्श नगर से कांग्रेस विधायक रफीक खान समेत कई नामी राजनीतिज्ञ शामिल हुए। जब इसका वीडियो वायरल हुआ तो सरकार ने अपनी नाक बचाने के लिए विधायक रफीक खान समेत 11 लोगों के विरुद्ध महामारी एक्ट में मामला दर्ज करवाया है।
—वेब डेस्क
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