कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए इस बार बड़े पैमाने पर सैनीटाइजेशन कराया गया. इस कार्य में प्रदेश की 97 चीनी मिलों व छोटी इकाईयों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. चीनी मिलों में निर्मित सैनिटाइजर से अब तक 5 हजार से अधिक गांवों व 4 हजार से अधिक सार्वजनिक स्थलों को सैनिटाइज किया जा चुका है. दूसरी लहर के दौरान 2 करोड़ लीटर सैनिटाइजर का उत्पादन किया गया.
चीनी मिलों में लगातार सैनिटाइजर का उत्पादन किया जा रहा है. कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार सैनिटाइजर का छिड़काव किया जा रहा है. किसानों को कोरोना वायरस से बचाव के बारे में भी बताया जा रहा है. अपर मुख्य सचिव, आबकारी , संजय भूसरेडडी ने बताया कि चीनी मिलों में बने सैनिटाइजर से अब तक सहारनपुर के 585 गांवों व 128 कस्बों और 393 सार्वजनिक स्थानों, मेरठ के 194 गांवों, 18 कस्बों, 139 सार्वजनिक स्थानों, मुरादाबाद में 224 गांवों, 20 कस्बे, 358 सार्वजनिक स्थानों, बरेली के 152 गांवों, 10 कस्बों, 109 सार्वजनिक स्थानों को सैनिटाइज किया गया.
इसी तरह से लखनऊ में 143 गांव, 41 कस्बे और 511 सार्वजनिक स्थानों, देवीपाटन में 136 गांव, 58 कस्बे, 208 सार्वजनिक स्थान, अयोध्या में 21 गांव, 8 कस्बे, 36 सार्वजनिक स्थान, गोरखपुर में 25 गांव, 5 कस्बे, 66 सार्वजनिक स्थान और देवरिया में 135 गांव, 55 कस्बे, 168 सार्वजनिक स्थानों को सेनेटाइज किया गया.यूपी की चीनी मिलों में तैयार किए गया सैनिटाइजर को दूसरे राज्यों को भी दिया जा रहा है. यूपी की चीनी मिलों एवं छोटी इकाईयों में रोजाना 6 लाख लीटर सैनिटाइजर का उत्पादन किया जा रहा है जबकि सैनिटाइजर उत्पादन की क्षमता 6.5 लाख लीटर है.
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