गत 30 मई को संस्कार भारती, दिल्ली प्रांत द्वारा विभिन्न कला विधाओं के अग्रणी कलाकारों द्वारा कला क्षेत्र की वर्तमान चुनौतियों एवं कलाकारों के संघर्ष पर चर्चा हेतु ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसका विषय था— ‘दर्द न जाने कोय।’ इसमें कोरोना महामारी द्वारा प्रभावित हुए कलाकारों की आर्थिक सहायता हेतु धनराशि एकत्रित करने पर गंभीरता से विचार किया गया।
गोष्ठी में वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि कलाकारों तक आर्थिक सहायता पहुंचाने के लिए कॉर्पोरेट घरानों से सामाजिक उत्तरदायित्व के अंतर्गत सहायता प्राप्त की जानी चाहिए। समाज द्वारा प्राप्त होने वाली सहायता राशि से अभावग्रस्त कलाकारों की न्यूनतम आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु प्रयास संस्कार भारती द्वारा किये जायेंगे। साथ ही महामारी के इस कठिन समय में केंद्र सरकार एवं विभिन राज्य सरकारों को भी संस्कृतिकर्मियों की समस्याओं से अगवत करवाने हेतु ज्ञापन भी सौंपे जाएंगे।
इस गोष्ठी में कोरोना से काल का ग्रास बने दिवंगत कलाकारों को श्रद्धांजलि दी गयी। संस्कार भारती के मंत्री और बांसुरी वादक चेतन जोशी ने दिवंगत आत्माओं की शांति की प्रार्थना करते हुए कहा, “इस महामारी में हमने कुछ ऐसी विभूतियों को भी खो दिया जो सदियों में विरले ही जन्म लेते हैं।” कार्यक्रम के अध्यक्ष राजेश चेतन ने कहा, “कला जीवन को सत्यम शिवम सुंदरम से जोड़ती है। जहाँ कला एवं कलाकार का सम्मान होता है। वहीं सामाजिक एवं सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण होता है।” प्रसिद्ध फ़िल्म पटकथा लेखक अद्वैता काला ने कहा, “फिल्म जगत में कोरोना काल में शूटिंग बंद होने के कारण जो लोग दिहाड़ी पर काम करते हैं, उनका जीवन— यापन मुश्किल हो गया है और हमें कलाकार समुदाय की यथासंभव सहायता करनी चाहिए।”
साहित्यकार कुमुद शर्मा के अनुसार, “हर संकट एक साहित्यकार की ऊर्जा को गहरा प्रभावित करता है। यह साहित्यकारों के लिए आकलन का समय है, मंथन का समय है। साहित्यकार एक प्रकार के रचनात्मक कार्यों से नही जुड़ पा रहा है, क्योंकि बाजार केंद्रीत लेखनी उसे प्रभावित कर रही है।”
थिएटर कलाकार अवतार साहनी ने कहा, “देश एक बड़ी दयनीय स्थिति से गुजर रहा है, देश भर में कलाकारों व रंगकर्मियों का पलायन हुआ। हमारे कुछ कलाकार गरीबी रेखा के भी नीचे पहुंच गए हैं, लेकिन एक कलाकार का स्वाभिमान उसे कभी दूसरों से मांगने नहीं देता। इसलिए कलाकारों की मदद के लिए एक कोष का निर्माण हो।” प्रसिद्ध लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने कहा, “शहरों,कस्बों के लोक कलाकारों पर इस महामारी की मार सबसे ज्यादा पड़ी है। सरकार का दायित्व होना चाहिए कि इस तरह के अभावग्रस्त लोक कलाकारों तक सहायता जल्दी से जल्दी पहुँचाई जाए।” प्रसिद्ध पत्रकार अनंत विजय ने कहा, “कलाकारों की सहायता हेतु आवंटित 455 करोड़ की राशि तत्काल कलाकारों तो पहुंचाई जानी चाहिए।”
कार्यक्रम में राजेन्द्र पुंडीर, संदीप दत्ता, नीरज गुप्ता द्वारा अभावग्रस्त कलाकारों की सहायता के लिए समर्पण राशि प्रदान करने की घोषणा की गई।
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