पाकिस्तान
इस्लामाबाद का कश्मीर पर दुनिया को बरगलाने का एजेंडा जारी है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने फिलिस्तीन मुद्दे पर चर्चा में बेवजह कश्मीर का रोना रोया
27 मई 2021 को यूएनएचआरसी में एक विशेष सत्र में इस्राएल के विरुद्ध एक प्रस्ताव पर बहस हुई। जाहिर है इसमें वह पाकिस्तान भी शामिल था जो इस्राएल और फिलिस्तीन के बीच पिछल दिनों के संघर्ष कभी तुर्की के अरदोगन के पीछे छुपकर इस्राएल को ‘कड़ी चेतावनी’ देने की हिमाकत कर रहा था। बैठक में 24 देशों ने इस्राएल के खिलाफ वोट दिया जिनमें पाकिस्तान भी शामिल था। बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी का कहना था,”पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र में क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के साथ मानवाधिकारों का समर्थन करता रहेगा।” 27 मई को ही पाकिस्तान के फॉरन मिनिस्टर्स पब्लिक डिप्लोमैसी के हैंडल से से एक ट्वीट में कहा गया—”आज संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में कब्जे में लिए गए फिलस्तीनी क्षेत्र और पूर्वी यरुशलम में मानवाधिकारों की भयावह स्थिति पर विशेष सत्र का आयोजन किया गया। इस बैठक को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी संबोधित करेंगे।” पाकिस्तान और मानवाधिकार? पाकिस्तान के इस बेतुके बोल के जवाब में इस्राएल के विदेश मंत्रालय के जनरल मैनेजर अलोन उश्पिज़ ने पाकिस्तान पर तंज कसते हुए ट्वीट किया— ”मानवाधिकार चैंपियन पाकिस्तान असल में खुद शीशे के घर में रह रहा है। मध्य-पूर्व में इस्राएल ही अकेला लोकतंत्र है, उसे पाकिस्तान यूएनएचआरसी में अकल दे रहा है। पाखंड की सबसे अच्छा उदाहरण है ये।” ट्वीट के साथ अलोन ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ‘पाकिस्तान में मानवाधिकारों’ पर तैयार की रपट का लिंक दिया है। रपट में पाकिस्तान में मानवाधिकारों की गंभीर स्थिति पर चिंता जताई गई है।
कुरैशी सत्र के एजेंडे फिलिस्तीन पर ही नहीं रुके। बेमौके ही उन्होंने फिलस्तीन की आड़ में कश्मीर का राग भी अलाप दिया। फिलस्तीनियों की कश्मीरियों तुलना करते हुए कहा कि कश्मीर के विषय में भी संयुक्त राष्ट्र को विशेष अहम भूमिका निभानी चाहिए।
वोल्कान तुर्की से हैं और तुर्की दूसरे कट्टर इस्लामी देशों की तरह कश्मीर के विषय में पाकिस्तान के पाले में खड़ा दिखा है। क़ुरैशी ने अपने बयान में जम्मू-कश्मीर की तुलना फिलस्तीनियों के साथ की। वोल्कन, जो संयुक्त राष्ट्र की 75वीं आम सभा के अध्यक्ष भी हैं, ने भी इस्लामाबाद में फिलिस्तीन पर बोलते हुए कश्मीर का भी जिक्र कर दिया, यह ध्यान रखे बिना कि वे किस हैसियत से पाकिस्तान आए हैं।
कुरैशी ने यह बयान 27 मई को इस्लामाबाद में मौजूद संयुक्त राष्ट्र आम सभा के प्रमुख वोल्कन बोज़्किर से मुलाकत के बाद दिया था। ध्यान रहे, वोल्कान तुर्की से हैं और तुर्की
दूसरे कट्टर इस्लामी देशों की तरह कश्मीर के विषय में पाकिस्तान के पाले में खड़ा दिखा है। क़ुरैशी ने अपने बयान में जम्मू-कश्मीर की तुलना फिलस्तीनियों के साथ की। कहा कि ‘दोनों जगह मानवाधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है।’ वोल्कन, जो संयुक्त राष्ट्र की 75वीं आम सभा के अध्यक्ष भी हैं, ने भी इस्लामाबाद में एक कार्यक्रम में वही बयान दिया जैसी उनसे अपेक्षा थी। फिलिस्तीन पर बोलते हुए उन्होंने कश्मीर का भी जिक्र कर दिया और यह ध्यान रखे बिना अपनी भावनाएं पाकिस्तान के पाले में रख दीं कि वे संयुक्त राष्ट् के अधिकारी की हैसियत से पाकिस्तान में थे। हालांकि बाद में उन्होंने यह विषय भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत के ज़रिए सुलझाने का आग्रह किया। पाकिस्तान के एक समाचार चैनल के अनुसार, वोल्कन इस्लामाबाद में नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी में बोल रहे थे।
-वेब डेस्क
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