राज्य के पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों, वरिष्ठ अधिवक्ताओं, समाजकर्मियों, खिलाड़ियों और पत्रकारों ने ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि बंगाल में कानून का राज बहाल हो, हिंसा की जांच हो, दोषियों को सजा मिले और पीड़ितों के पुनर्वास और मुआवजे की व्यवस्था की जाए
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव परिणाम के पश्चात 2 मई के बाद घटी व्यापक हिंसा के विरोध में हाल ही में राजस्थान के 108 प्रबुद्धजन ने राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल श्री कलराज मिश्र को ज्ञापन दिया है। राजस्थान के इन प्रबुद्धजन ने बंगाल में घटी हिंसक त्रासदी को स्वस्थ लोकतंत्र और सद्भाव पर गहरा आघात बताया। इसे संवैधानिक व सामाजिक संकट माना। राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति जे.पी. सिंघल व पूर्व आईपीएस अधिकारी के.एल. बेरवा ने उक्त विभिन्न प्रबुद्धजन द्वारा हस्ताक्षरित यह ज्ञापन राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ईमेल से प्रेषित किया।
ज्ञापन में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल में हिंसा के कारण न केवल लोकतंत्र के आधारभूत सिद्धांत ‘स्वतंत्र चुनाव’ को गहरी चोट पहुंची है, वरन् संविधान के अनुच्छेद 21 में निहित ‘गरिमामय जीवन के अधिकार’ का व्यापक स्तर पर हनन हुआ है। वहां ‘नागरिकों के जीवन, संपत्ति व अधिकारों की रक्षा करने के पवित्र दायित्व’ से राज्य शासन विमुख हो रहा है।
ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति से इस संदर्भ में हस्तक्षेप करने की अपील करते हुए संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार अनेक कदम उठाने की मांग की है, जैसे–बंगाल में हिंसा तत्काल रोकी जाए, हिंसा के जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाए, हिंसा पीड़ितों को पर्याप्त सुरक्षा देने के साथ ही उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए, स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन की असफलता को देखते हुए प. बंगाल में केंद्रीय बलों की नियुक्ति की जाए, तथा पीड़ितों के सुरक्षित पुनर्वास एवं सुरक्षित भविष्य को सुनिश्चित किया जाए।
=ईश्वर बैरागी
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