कोरोना की दूसरी लहर में ‘108’ एम्बुलेंस सेवा और एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एम्बुलेंस सेवाओं ने बड़ी भूमिका निभाई. कोरोना काल में मरीजों के लिये यह दोनों सेवाएं ‘लाइफलाइन’ साबित हुईं. ग्रामीण और शहरी इलाकों में उनकी मदद से रोगियों को तत्काल नजदीकी अस्पतालों तक पहुंचाया गया. 108 में ऑक्सीजन की सुविधा और एएलएस में वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध कराई गई.
22 मार्च से अभी तक एम्बुलेंस कोविड ड्यूटी में लगी हुई हैं. 108 एम्बुलेंस सेवा ने 2,24,832 लोगों को इलाज मुहैया कराने में मदद की है. एएलएस सेवा से 43,206 लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया. 108 और एएलएस एम्बुलेंस प्रदेश के हर जिले में तैनात की गई हैं. एम्बुलेंस, संक्रमित मरीजों को ”क्वारंटाइन वार्ड” तक पहुंचा रही हैं. कोविड-19 के मरीजों के लिए एम्बुलेंस को सभी जीवन रक्षक उपकरणों से लैस किया गया. कोरोना से लड़ने के लिए एम्बुलेंस सेवाओं की पूरी टीम सरकार के निर्देशों का पालन कर रही है. एम्बुलेंस में इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन समेत 23 हजार से अधिक लोगों की टीम काम में जुटी हुई है.
संक्रमित व्यक्ति 108 टोलफ्री नम्बर पर फोन करके सेवा का लाभ ले रहे हैं. लखनऊ और आगरा में बने 108 के इमरजेंसी रिस्पांस सेंटर के जरिये जिले में तैनात एम्बुलेंस तुरंत रवाना कर दी जाती है. आगरा के कॉल सेंटर में 275 लोग और लखनऊ में 500 से ज्यादा कर्मचारियों की टीम 24 घंटे काम कर रही है.
टिप्पणियाँ