मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 26 दिन में प्रदेश के सभी 18 मंडलों का दौरा किया. इस दौरान वह लोगों से उनके घर जाकर मिले. अस्पतालों में भर्ती मरीजों से मिलकर बातचीत की. मरीजों के उपचार और स्वास्थ्य की समीक्षा की. सीएम योगी के प्रयास का परिणाम है कि प्रदेश में मात्र 23 दिनों में कोरोना संक्रमण के 2 लाख 34 हजार मामले कम हुए.
अप्रैल में कोरोना का संक्रमण बढ़ने से पहले ही मुख्यमंत्री योगी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई और सभी दलों से चर्चा की. इस दौरान विपक्ष के कई नेताओं ने सीएम योगी की सराहना भी की. लोगों को महामारी से जागरूक करने के लिए मंत्रिमंडल के सहयोगियों, जनप्रतिनिधियों, नगर निकायों के जनप्रतिनिधियों, चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों, धर्म गुरुओं, व्यापारियों, खिलाड़ियों और किसानों आदि से संवाद किया.
कोरोना संक्रमित होने के बाद होम आइसोलेशन में रहते हुए योगी आदित्यनाथ ने वर्चुअल समीक्षा की. कोरोना से स्वस्थ होने के बाद उन्होंने लखनऊ में डीआरडीओ की ओर से बनाए गए डेडिकेटेड कोविड अस्पताल का निरीक्षण किया. गांव के लोगों से उनके घर, अस्पताल जाकर संवाद किया, एक लाख गांवों में निगरानी समितियों को सक्रिय करके संक्रमितों की पहचान और 24 घंटे में टेस्ट कराकर मेडिसिन किट पहुंचाने की व्यवस्था की. गत 22 अप्रैल को विशेषज्ञों की तरफ से आशंका जाहिर की गई थी कि उत्तर प्रदेश में 10 मई से रोज एक लाख से अधिक केस आएंगे और यूपी दुनिया का सबसे बड़ा कोविड-19 का हॉटस्पॉट बनेगा, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने इन सभी आशंकाओं को निर्मूल साबित कर दिया.
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