टूलकिट मामले में एक बार फिर कांग्रेस का दोहरा चरित्र सामने आया है। एक तरफ वह इस मामले में भाजपा नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवा रही है, दूसरी ओर ट्विटर को चिट्ठी लिख रही है कि वह 11 केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ ‘मैनिपुलेटिव मीडिया’ वाले टैग को बहाल करे। कांग्रेस की यह रवैया तब है, जबकि दिल्ली पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और केंद्र सरकार ट्विटर से ‘मैनिपुलेटिव मीडिया’ वाला टैग हटवा चुकी है।
कांग्रेस ने मंगलवार को ट्विटर के कानूनी विभाग को एक पत्र लिखा है। इसमें ट्विटर से केंद्र सरकार के 11 मंत्रियों के खिलाफ ‘मैनिपुलेटिड मीडिया’ टैग फिर से लगाने की मांग की है। कांग्रेस ने जिन केंद्रीय मंत्रियों की सूची ट्विटर को भेजी है, उसमें पीयूष गोयल, गिरिराज सिंह, स्मृति ईरानी, रविशंकर प्रसाद, प्रह्लाद जोशी, धर्मेंद्र प्रधान, रमेश पोखरियाल निशंक, थावरचंद गहलोत, डॉ. हर्षवर्धन, मुख्तार अब्बास नकवी और गजेंद्र सिंह शेखावत के नाम शामिल हैं। पत्र में कांग्रेस ने लिखा है कि पूर्व राज्यसभा सांसद राजीव गौड़ा और कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग के अध्यक्ष रोहन गुप्ता ने पूर्व में ट्विटर से पत्राचार किया था। उसमें यह बताया गया था कि भाजपा नेता फर्जी टूलकिट के जरिए अनुचित और गलत तरीके से राजनीतिक फायदा उठा सकते हैं। इस पत्र का विषय है, ‘झूठे और दुर्भावनापूर्ण प्रचार करने वाले मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्रियों के ट्वीट पर ‘‘मैनिपुलेटिव मीडिया’ टैग तत्काल लगाने की आवश्यकता है।’
पत्र में कांग्रेस ने लिखा है कि मोदी सरकार में विभिन्न केंद्रीय मंत्रियों ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए उपरोक्त फर्जी दस्तावेजों को फैलाने में भूमिका निभाई है। इस बारे में ट्विटर इंडिया को संबोधित 25 मई को एक ई-मेल किया गया था। 25 मई को आपने जवाब में केंद्रीय मंत्रियों के उक्त ट्वीट्स के यूआरएल उपलब्ध कराने को कहा था। कांग्रेस ने 18 मई को विभिन्न केंद्रीय मंत्रियों द्वारा किए गए ट्वीट्स के यूआरएल ट्विटर को उपलब्ध करा दिए हैं।
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