उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बाद गुजरात ऐसा राज्य हो गया है, जहां लव जिहाद के विरुद्ध कानून बना है। इसमें प्रावधान किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति निकाह के लिए किसी का कन्वर्जन कराने का दोषी पाया जाएगा तो उसे पांच साल की जेल और 2,00,000 रु का जुर्माना भरना पड़ेगा।
गत दिनों गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने ‘गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता संशोधन विधेयक 2021’ को स्वीकृति दे दी। इसमें जबरन कन्वर्जन और निकाह करने पर अधिकतम 10 वर्ष की सजा का प्रावधान किया गया है। उल्लेखनीय है कि राज्य में बढ़ते कन्वर्जन और फिर जबरन निकाह करने के मामलों को देखते हुए गुजरात सरकार ने फरवरी में इस कानून को लाने की बात कही थी।
14 फरवरी को वडोदरा में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा था कि लव जिहाद के नाम पर हो रही बदमाशियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और राज्य सरकार लव जिहाद के विरुद्ध कड़ा कानून बनाएगी। इसके बाद एक अप्रैल को गुजरात विधानसभा ने ‘गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता संशोधन विधेयक 2021’ को पारित कर दिया था। इसके बाद इसे राज्यपाल के पास भोजा गया था। अब राज्यपाल की स्वीकृति मिलने के बाद यह विधेयक कानून बन गया है। इस कानून के अनुसार जो भी व्यक्ति निकाह के जरिए किसी का कन्वर्जन करेगा, उसे पांच साल तक कारावास की सजा मिलेगी और 2,00,000 रु. का जुर्माना भी भरना पड़ेगा। यदि पीड़िता नाबालिग और अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की होगी तो दोषी को चार से चार से साल तक सजा भोगनी होगी, साथ ही 3,00,000 रु. का जुर्माना देना होगा। यदि कोई संस्था कन्वर्जन करेगी तो उसके प्रभारी को न्यूनतम तीन साल और अधिकतम 10 साल की सजा मिलेगी।
—वेब डेस्क
उम्मीद है कि इस कानून के बनने से अपराधियों में डर पैदा होगा और वे जबरन निकाह के माध्यम से किसी लड़की या महिला का कन्वर्जन नहीं करा पाएंगे।
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