दुनिया की कई विमान कंपनियों के 45 लाख ग्राहकों की जानकारियां उड़ाने में कामयाब हुए साइबर हमलावर। विशेषज्ञों का दल जुटा जांच में
21 मई, 2021 को एक सनसनीखेज खुलासे ने दुनियाभर में विमान यात्रा ज्यादा करने वाले लोगों को हैरत और संशय में डाल दिया है। एयर इंडिया ने सार्वजनिक बयान जारी करके बताया है कि एयर इंडिया विमानों की सेवा लेने वाले लगभग 45 लाख लोगों का डाटा लीक होने की पुष्टि हुई है।
कंपनी की मानें तो एसआईटीए सर्वर पर हुई साइबर हमले में यह डाटा गत फरवरी माह में लीक हुआ है। उक्त साइबर हमले में ग्राहकों के नाम, जन्मतिथि, फोन नंबर, पासपोर्ट का ब्योरा, टिकट का ब्योरा और क्रेडिट कार्डों की कुछ जानकारी शामिल है। राहत की बात यह है कि सर्वर पर ओटीटी नंबर दर्ज नहीं किया जाता इसलिए उसके गलत हाथों में पड़ने का खतरा नहीं है। लेकिन तो भी सावधानी के लिए कंपनी के प्रभावित ग्राहकों से अपनी सुरक्षा के लिए पासवर्ड बदलने का अनुरोध किया है।
उल्लेखनीय है कि यह साइबर हमला सिर्फ एयर इंडिया के ग्राहकों की जानकारियों पर ही नहीं हुआ है। मलेशिया एयरलाइंस, सिंगापुर एयरलाइंस, लुफ्थांसा, फिनएयर और कैथी पैसेफिक विमान सेवाएं भी इस हमले की चपेट में आई हैं।
एयर इंडिया ने साइबर हमले की जानकारी में आगे बताया है कि यह चोरी 26 अगस्त 2011 से 20 फरवरी 2021 तक दर्ज डाटा की हुई है। इस खुलासे के फौरन बाद ही उक्त साइबर हमले की जांच आरंभ हो गई है। जांचदल में कई विशेषज्ञ शामिल हैं। मामले में फॉरेंसिक जांच से इसकी गंभीरता और दायरे की तहकीकात की जा रही है।
कंपनी ने अपने बयान में यह भी कहा है कि वह अपने डाटा प्रोसेसर को लगातार सुधारते आ रहे हैं। फिर भी ग्राहक अपनी निजी जानकारियों की सुरक्षा के लिए अपने पासवर्ड बदल लेंगे तो बेहतर रहेगा। हमले की जद में आए 45 लाख लोगों में एयर इंडिया सहित उपरोक्त विमान कंपनियों के ग्राहक भी शामिल हैं।
मार्च 2021 में एयर इंडिया को इस साइबर हमले की जानकारी मिली थी। तभी से एयरलाइन हरकत में आई और अपने आधारभूत तंत्र को जांचा जिसमें किसी गैरकानूनी हरकत का पता नहीं चला। गत वर्ष भी स्पाइसजेट कंपनी में डाटा चोरी होने का मामला प्रकाश में आया था। उसमें करीब 10 लाख लोग प्रभावित हुए थे। उस डाटा चोरी में भी यात्रियों के नाम, फोन नंबर, ईमेल आई और कुछ अन्य जानकारियों चोरी की गई थीं।
सूत्रों की मानें तो मार्च 2021 में एयर इंडिया को इस साइबर हमले की जानकारी मिली थी। तभी से एयरलाइन हरकत में आई और अपने आधारभूत तंत्र को जांचा जिसमें किसी गैरकानूनी हरकत का पता नहीं चला। गत वर्ष भी स्पाइसजेट कंपनी में डाटा चोरी होने का मामला प्रकाश में आया था। उसमें करीब 10 लाख लोग प्रभावित हुए थे। उस डाटा चोरी में भी यात्रियों के नाम, फोन नंबर, ईमेल आई और कुछ अन्य जानकारियों चोरी की गई थीं।
प्रमुख देशों के सुरक्षा प्रतिष्ठानों, सरकारी विभागों, जन सेवाओं, बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर पहले भी ऐसे साइबर हमले देखने में आए हैं। इसलिए उच्च गुणवत्ता वाले तंत्र लगाए गए हैं, लेकिन हैकर्स उनका भी तोड़ निकालने में लगे रहते हैं। हालांकि हैकिंग के ज्यादातर मामले घटने से पहले पकड़ में आ जाते हैं, लेकिन कभी कभी साइबर चोर अपनी हरकत में कामयाब हो जाते हैं। एयर इंडिया ने भरोसा दिलाया है कि इस डाटा चोरी की पूरी जांच करके आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
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