देश में कोरोना का प्रकोप थोड़ा कम हुआ तो अब ब्लै क फंगस के कारण मौतें हो रही हैं। ब्लैाक फंगस से सर्वाधिक प्रभावित पांच राज्योंक ने इसे महामारी घोषित कर दिया है। इसके अलावा, कई राज्योंक में भी ब्लैरक फंगस के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने कुछ एहतियाती कदम उठाए हैं।
कोरोना महामारी के बीच ब्लैरक फंगस के तेजी से बढ़ते मामलों ने राज्योंा के साथ केंद्र सरकार की भी चिंता बढ़ा दी है। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को पत्र लिख कर ब्लै क फंगस के प्रति अलर्ट किया है। केंद्रीय स्वाीस्य्दी मंत्रालय के संयुक्तम सचिव लव अग्रवाल ने ब्लैोक फंगस को नई चुनौती बताते हुए राज्यों से कहा है कि ब्लैेक फंगस के बढ़ते मामलों के कारण कोरोना मरीजों की मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, देश में अभी तक ब्लैोक फंगस के 5,500 मामले सामने आए हैं, जबकि 126 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे अधिक खराब स्थिति महाराष्ट्रे की है। यहां ब्लैेक फंगस के कारण 90 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई मरीजों का इलाज चल रहा है। कुछ ही दिन पहले महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने ब्लैक फंगस पर चिंता जताते हुए कहा था कि राज्य में 2,000 हजार से अधिक लोग ब्लैक फंगस से संक्रमित हैं।
इन राज्यों में ब्लै क फंगस महामारी
राजस्थायन, गुजरात, हरियाणा, तेलंगाना और तमिलनाडु ब्लै क फंगस को महामारी घोषित कर चुके हैं। दिल्लीर में भी ब्लै्क फंगस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और इससे संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए अलग केंद्र बनाए जा रहे हैं। दिल्लीक में ब्लैेक फंगस के मरीजों का आंकडा 300 के पार चला गया है। हालांकि दिल्लीं सरकार ने अभी तक इसे महामारी घोषित नहीं किया है। इनके अलावा, देश के दूसरे राज्यों में भी ब्लैक फंगस के मामले सामने आ रहे हैं। कोरोना से छुटकारा पाने वाले लोग इसका शिकार बन रहे हैं।
दिशानिर्देशों का पालन करें राज्यप
केंद्र ने राज्योंप से महामारी एकट 1897 के अंतर्गत ब्लैेक फंग को गंभीर बीमारी घोषित करने को कहा है। साथ ही, सभी सरकारी व निजी स्वाकस्य्मा केंद्रों पर इसकी निगरानी, पहचान, इलाज व इसके प्रबंधन के लिए केंद्रीय स्वा स्य् द मंत्रालय और आईसीएमआर द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करने को कहा है। इसके अलावा, ब्लै,क फंगस से जुड़े सभी मामलों की रिपोर्ट जिला स्तरर के मुख्यो चिकित्साक अधिकारी को देने को कहा है। वहीं, ब्लैेक फंगस की भयावहता को देखते हुए पांच राज्योंद ने इसे महामारी घोषित किया है।
कोरोना और ब्लैंक फंगस का संबंध
कोविड-19 के मामले में ब्लैकक फंगस उन लोगों को हो रहा है, जो स्टेमरॉयड ले रहे हैं। कोरोना संक्रमित व्याक्ति को स्टेडरॉयड इसलिए दिया जाता है, क्योंंकि यह फेफड़े की सूजन को कम करता है तथा इसे गंभीर नुकसान पहुंचाने से रोकता है। इसके अलावा, मधुमेह, कैंसर के मरीजों के अलावा जिनमें अंग प्रत्याजरोपण हुआ हो, जो लंबे समय से स्टेारॉयड ले रहे हैं या जिनकी त्वकचा में किसी तरह का घाव या चोट हो, ऐसे लोगों में ब्लै क फंगस के संक्रमण का खतरा होता है। साथ ही, समय से पहले जन्मय लेने वाले बच्चेा भी इससे संक्रमित हो सकते हैं। ब्लैबक फंगस संचारी रोग नहीं है। यह एक व्यैक्ति से दूसरे व्योक्ति में नहीं फैलता, लेकिन यह इतना खतरनाक होता है कि 54 प्रतिशत मरीजों की इससे मौत हो जाती है। शरीर के जिस हिस्से में ब्लै,क फंगस का संक्रमण होता है, उसे पूरी तरह खत्म कर देता है। अगर इसका संक्रमण सिर में हो जाए तो ब्रेन ट्यूमर सहित कई बीमारियां हो सकती हैं।
क्याो है ब्लैाक फंगस
ब्लैोक फंगस यानी म्यूहकर माइकोसिस फंगस (Mucormycosis fungus) एक दुर्लभ और गंभीर संक्रमण है। यह संक्रमण प्राकृतिक रूप से वातावरण में मौजूद म्यू(करमाइसीट्स समूह के कारण होता है। खासतौर से यह जमीन और सड़ने वाले यौगिक पदार्थों में जैसे पत्तियां, सड़ी हुई लकड़ी और कम्पोुस्ट् खाद में पाया जाता है। शरीर में यह सांस के जरिए यह पहुंचता है फेफड़ों को प्रभावित करता है। इसका शिकार वे लोग होते हैं, जिन्हेंा स्वाशस्य्ंै संबंधी बीमारियां होती हैं और इसके लिए वे दवाइयां ले रहे हैं। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देता है। त्वएचा कटने, जलने या त्वतचा पर घाव आदि होने पर भी यह संक्रमण हो सकता है। शरीर के जिस हिस्सेच में यह फंगस फैलता है, वह सड़ने लगता है।
लक्षण- चेहरे में सूजन होना, सिरदर्द, नाक बंद, बुखार आना, उल्टीर होना, छाती में दर्द, साइनस के कारण जकड़न, मुंह के ऊपरी हिस्सेज या नाक में काला घाव होना इसके शुरुआती लक्षण हैं। समय पर अगर इसकी पहचान हो जाए तो इसका इलाज संभव है।
कैसे बच सकते हैं
धूल वाली जगह जैसे- निर्माण कार्य वाले स्थाकनों पर न जाएं। बागवानी या खेतों में काम करते समय पूरी बांह वाली कमीज पहनें, दस्ताूने और मास्का लगाएं। जल भराव वाली जगहों या जहां नाले का पानी जमा हो, वहा न जाएं। बाहर निकलते समय जूते, पतलून या पायजामा पहनें तथा घर आने के बाद साबुन से हाथ धोएं और नहाएं।
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